चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने चंडीगढ़ स्थित एमएलए हॉस्टल और गेस्ट हाउस को किराए पर लगाने वाले दो अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब विधानसभा की हाउसिंग कमेटी के अधिकारियों ने दोनों स्थानों का दौरा किया और वहां छानबीन की। औचक निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने पाया कि लॉक डाउन की अवधि के दौरान गलत तरीके से एमएलए हॉस्टल और गेस्ट हाउस के कमरे किराए पर लगाए गए और अनैतिक वसूली की गई।
उल्लेखनीय है कि इस प्रकार की शिकायतें पहले से ही विधानसभा सचिवालय को आ रही थी । लेकिन लॉक डाउन के दौरान सरकार का और विधानसभा अध्यक्ष का भी सर्वाधिक फोकस कोविड-19 वायरस संक्रमण की रोकथाम पर था । सभी अधिकारियों को संक्रमण की रोकथाम के लिए बनाई गई व्यवस्था में लगाया गया था।
इस बीच विधानसभा सत्र की अवधि नहीं होने और कोविड-19 वायरस संक्रमण की वजह से अधिकतर एमएलए के भी हॉस्टल में नहीं आने के कारण संबंधित अधिकारियों ने इसका नाजायज फायदा उठाना चाहा ।एमएलए हॉस्टल एवं गेस्ट हाउस के कमरे को नियमों को धता बताते हुए निजी तौर पर किराए पर लगा दिया। उक्त सभी कमरे जो किराए पर लगाए गए उनसे किराए भी उन्हीं अधिकारियों ने वसूले।
विधानसभा सचिवालय को मिली शिकायत के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने सचिवालय के अधिकारियों को एमएलए हॉस्टल और गेस्ट हाउस का निरीक्षण करने का निर्देश दिया। औचक निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने शिकायत को सही पाया और इसकी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष श्री गुप्ता को सौंप दी।
बताया जाता है कि प्राथमिक तौर पर एमएलए हॉस्टल और गेस्ट हाउस में तैनात अधिकारियों को दोषी मानते हुए विधानसभा अध्यक्ष श्री गुप्ता ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है और मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
चर्चा इस बात की है की एमएलए हॉस्टल और गेस्ट हाउस के कमरे का दुरुपयोग काफी पहले से करने की परंपरा जारी रही है। और सचिवालय की ओर से किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं होने के कारण अधिकारियों का अनैतिक मनोबल बढ़ता रहा और उन्होंने लॉक डाउन की अवधि के दौरान भी एमएलए हॉस्टल और गेस्ट हाउस के कमरे को निजी तौर पर किराए पर लगाकर वसूली की।
सरकारी गेस्ट हाउस या फिर पर्यटन विभाग के अंदर आने वाले पर्यटन स्थलों पर उपलब्ध आवासीय कमरों के दुरुपयोग की यह कोई पहली घटना नहीं है। बल्कि पूरे प्रदेश में जिन जिन शहरों में पर्यटन स्थल के साथ आवासीय सुविधा उपलब्ध है या पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस या फिर अन्य विभागों के रेस्ट हाउस बने हैं वहां तैनात अधिकारी और कर्मचारी अक्सर अपनी मनमानी करते हैं। इसके लिए अधिकृत अधिकारियों या फिर अन्य व्यक्तियों को कमरे उपलब्ध नहीं होने की बात कर उन्हें टरका देते हैं।
गौरतलब है कि हरियाणा सरकार के सभी गेस्ट हाउस बहुत कम पैसे पर इसके लिए अधिकृत व्यक्ति या अधिकारी, मंत्री, विधायक, सांसद, पूर्व सांसद या फिर अन्य प्रोफेशन के लोगों को नियमानुसार उपलब्ध कराए जाते हैं। लेकिन अक्सर ऐसी शिकायतें सुनने को मिलती हैं कि जो व्यक्ति इन गेस्ट हाउस में रहने के लिए अधिकृत होते हैं उन्हें कमरे उपलब्ध नहीं कराए जाते। बल्कि अधिकारियों और कर्मचारियों के नजदीकी लोग ऐसे गेस्ट हाउस में तब तक जमे रहते हैं जब तक कि वहां किसी मंत्री, विधायक, सांसद या फिर स्वयं मुख्यमंत्री का दौरा ना हो।
हालांकि यह सिलसिला चंडीगढ़ स्थित एमएलए हॉस्टल और गेस्ट हाउस में कब से चल रहा था इसकी जानकारी तो अब अधिकारियों की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट का खुलासा होने के बाद ही पता चलेगा लेकिन इस प्रकार की घटना को बेहद सख्ती से लेने की आवश्यकता है। अन्यथा वहां तैनात अधिकारी व कर्मचारी इसी तरह सरकारी सुविधाओं का दुरुपयोग करते रहेंगे।