नई दिल्ली। कॉयर जियो टेक्सटाइल्स, जो एक पारगम्य फैब्रिक है तथा प्राकृतिक, मजबूत, अत्यधिक टिकाऊ, टूट-फूट, मोड़ एवं नमी प्रतिरोधी है व किसी भी सूक्ष्मजीव (माइक्रोबियल) के हमले से मुक्त है, को अंततः ग्रामीण सड़क निर्माण के लिए एक अच्छी सामग्री के रूप में स्वीकार किया गया है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास एजेंसी ने कहा है कि पीएमजीएसवाई-III के तहत ग्रामीण सड़कों के निर्माण के लिए कॉयर जियो टेक्सटाइल्स का उपयोग किया जाएगा।
केन्द्रीयएमएसएमई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी कॉयर फाइबर के वैकल्पिक उपयोग का पता लगाने के लिए प्रयासरत थे। इस सम्बन्ध में उन्होंने कहा, “यह बहुत ही महत्वपूर्ण बात है क्योंकि हम अब कॉयर जियो टेक्सटाइल का सड़क निर्माण में उपयोग कर सकते हैं। इस निर्णय से कॉयर उद्योग को विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के इस कठिन समय में बढ़ावा मिलेगा।”
सड़क निर्माण के लिए पीएमजीएसवाई की नई प्रौद्योगिकी दिशानिर्देशों के अनुसार, प्रस्तावों के प्रत्येक बैच के सडकों की कुल लम्बाई के 15 प्रतिशतमें नई प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके निर्माण किया जाना है। इनमें से 5प्रतिशत सड़कों का निर्माण आईआरसी मान्यता प्राप्त प्रौद्योगिकी का उपयोग करके किया जाना है। आईआरसी ने अब ग्रामीण सड़क निर्माण के लिए कॉयर जियो टेक्सटाइल्स को मान्यता दी है।
इन निर्देशों के अनुसार, पीएमजीएसवाई -III के तहत 5 प्रतिशत ग्रामीण सड़कों का निर्माण कॉयर जियो टेक्सटाइल्स का उपयोग करके किया जाएगा। तदनुसार कॉयर जियो टेक्सटाइल्स का उपयोग कर आंध्र प्रदेश में 164 किलोमीटर, गुजरात में 151 किलोमीटर, केरल में 71 किलोमीटर, महाराष्ट्र में 328 किलोमीटर, ओडिशा में 470 किलोमीटर, तमिलनाडु में 369 किलोमीटर और तेलंगाना में 121 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इस प्रकार 7 राज्यों में कॉयर जियो टेक्सटाइल्स का उपयोग कर 1674 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाएगा, जिसके लिए एक करोड़ वर्ग मीटर कॉयर जियो-टेक्सटाइल्स की आवश्यकता होगी। इसकी अनुमानित लागत 70 करोड़ रु है।
इस निर्णय से देश में कॉयर जियो -टेक्सटाइल के लिए एक बड़ी बाजार संभावना बनेगी और कोविड-19 से प्रभावित कॉयर उद्योग के लिए यह एक वरदान सिद्ध होगा।