नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के परीक्षा बोर्ड के प्रमुखों एवं सीबीएसई बोर्ड को 10वीं एवं 12वीं के बचे हुए विषयों की परीक्षा के आयोजन के दौरान स्वास्थ्य सुरक्षा के सभी नियमों का पालन करने का निर्देश जारी किया है। मंत्रालय ने सभी राज्य बोर्डों एवं सीबीएसई की ओर से आयोजित होने वाली परीक्षाओं के लिए 5 शर्तों की अनुपालन की हिदायत दी है। इस आदेश में कंटेनमेंट जोन में किसी भी स्थिति में परीक्षा आयोजित करने से मना कर दिया गया है।
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को भेजे गए पत्र में कहा है कि राज्य बोर्ड एवं सीबीएसई की ओर से आयोजित होने वाली परीक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है जबकि परीक्षा केंद्र में आने वाले शिक्षक, कर्मचारी और परीक्षार्थी सभी को फेस मास्क पहनना होगा। सभी परीक्षा केंद्रों पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था होगी जबकि प्रवेश और निकास के स्थान पर सैनिटाइजर भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।
गृह मंत्रालय ने यह साफ कर दिया है कि सीबीएसई की ओर से आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओं और अन्य राज्य के परीक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षाओं की तिथियों में निश्चित समय अंतराल रखना होगा जिससे सोशल डिस्टेंसिंग के सिस्टम को लागू करना आसान होगा।
मंत्रालय ने अपने आदेश में राज्य सरकारों को सभी विद्यार्थियों के परीक्षा केंद्रों पर आने और जाने के लिए विशेष बस की व्यवस्था करना भी अनिवार्य होगा जिसमें 50% सीटों पर ही यात्रा करने की अनुमति होगी।
उल्लेखनीय है कि सीबीएसई बोर्ड ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से 10वीं और 12वीं के बचे हुए विषयों की परीक्षा आयोजित करने की दृष्टि से अनुमति मांगी थी। बोर्ड ने दोनों ही वर्गो की परीक्षाओं का आयोजन आगामी 1 जुलाई से 15 जुलाई के अंतराल में कराने की घोषणा की है। अधिकतर परीक्षाएं दिल्ली के कई इलाके में आयोजित की जाएंगी जहां पिछले महीनों में परीक्षा के दौरान दो समुदायों के बीच में दंगे होने के कारण परीक्षाओं को स्थगित कर देना पड़ा था।
केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने सीबीएसई के 10वीं और 12वीं के बचे हुए विषयों की परीक्षा की तिथियों का ऐलान करते हुए इसके लिए आवश्यक व्यवस्था करने पर बल दिया था। हालांकि स्कूलों एवं कॉलेजों में डिस्टेंस लर्निंग पर सबसे अधिक बल दिया जा रहा है लेकिन बोर्ड की परीक्षाओं के आयोजन के लिए ऑनलाइन व्यवस्था करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं था इसलिए इसे परीक्षा केंद्रों पर ही आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
दूसरी तरफ सोशल डिस्टेंसिंग और स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम की दृष्टि से देश के लगभग सभी निजी विश्वविद्यालयों ने सभी सत्रों के फाइनल परीक्षाओं को ऑनलाइन ही आयोजित करना शुरू कर दिया है। ऑनलाइन टीचिंग तो अप्रैल माह से ही शुरू हो गई थी लेकिन सभी विश्वविद्यालयों को मई के मध्य तक देश में स्थिति सामान्य होने की उम्मीद थी लेकिन संक्रमण की रफ्तार तेज होने के कारण लॉक डाउन को चौथी बार देश में एक्सटेंड कर दिया गया जिससे शिक्षण संस्थाओं को अध्ययन के लिए संचालित करना संभव नहीं हो सका।
अब लगभग सभी विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन टीचिंग के साथ-साथ ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने भी शुरू कर दिए हैं। संभावना इस बात की प्रबल है कि अगर लॉक डाउन का पांचवा और छठा चरण भी देश को झेलना पड़ा तू अधिकतर शिक्षण संस्थाओं को लंबे समय के लिए इसी व्यवस्था को जारी रखना मजबूरी बनेगी।