चंडीगढ़। हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि लॉकडाउन अवधि के दौरान शराब के ठेके बंद होने के कारण सोनीपत जिले के खरखौदा सहित पूरे राज्य में अवैध शराब की बिक्री के सभी मामलों की जांच के लिए एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल गठित किया गया है, जो एक महीने के अन्दर अपनी रिपोर्ट देगा। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक तथा अतिरिक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त इस जांच दल के सदस्य होंगे। श्री विज ने कहा कि आईएएस अधिकारियों में श्री अशोक खेमका, श्री संजीव कौशल व श्री टी.सी गुप्ता में से एक तथा आईपीएस श्री सुभाष यादव व अतिरिक्त आबकारी आयुक्त श्री विजय सिंह जांच करेंगे।
आज यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान जब श्री विज से खरखौदा गोदाम से शराब चोरी मामले में टिप्पणी चाही तो उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जब तक शराब गोदाम में रहती है, वह आबकारी विभाग की सम्पत्ति होती है। उन्होंने कहा कि अब तक आबकारी विभाग द्वारा शराब चोरी होने की एफआईआर दर्ज नहीं करवाई गई है। एफआईआर के बाद ही पुलिस जांच करेगी। उन्होंने कहा कि खरखौदा गोदाम मालिक के बारे पहले भी अवैध शराब की बिक्री में संलिप्त होने की जानकारी है। खरखौदा गोदाम से शराब की 5000 पेटियां कम मिली हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि गृह मंत्री व उप-मुख्यमंत्री के बीच इस मुद्दे को लेकर किसी प्रकार का मतभेद नहीं है।
गृह मंत्री ने कहा कि शराब के ठेके खोलने के लिए ढील दी गई है, लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर ही शराब खरीद करनी होगी। सोशल डिस्टेंसिंग न बनाएं रखने से महामारी फैलने का खतरा बढ़ सकता है, अगर लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया तो यह ढील वापिस भी ली जा सकती है।
कोरोना वैश्विक महामारी के चलते विदेशों में रह रहे हरियाणा के अप्रवासी भारतीयों के बारे पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि हरियाणा के लगभग पांच हजार एनआरआई ने स्वदेश वापसी के लिए वैबपोर्टल पर पंजीकरण करवाया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने के बाद इन्हें गुरुग्राम के निकट संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जाएगा और उसके बाद उनके गृह जिलों में क्वारंटाइन किया जाएगा। इनके लिए घर में क्वारंटाइन की अनुमति नहीं होगी।
प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों में भेजने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा किए जा रहे प्रबंधों के बारे पूछे जाने पर श्री विज ने कहा कि ज्यों-ज्यों प्रवासी मजदूरों के गृह राज्यों से अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त होते हैं, उनको सुरक्षित एवं व्यवस्थित ढंग से भेजा जा रहा है। अब तक एक लाख मजदूरों ने वापस जाने के लिए पंजीकरण करवाया है। पिछले दो दिन में विभिन्न स्थानों से चार विशेष रेल गाडिय़ां भेजी जा चुकी हैं तथा रेल मंत्रालय से कुछ और रेलगाडिय़ां उपलब्ध करवाने के लिए बातचीत की गई है। इसके साथ-साथ, इन्हें बसों से भी भेजने के प्रबंध किए जा रहे हैं।