गुरुग्राम, 25 अप्रैल। ‘सेंटर फॉर पर्सनल डेवलपमेंट’ संस्था के तत्वावधान में शनिवार को डिजिटल काव्य गोष्ठी ‘रसतरंगिणी’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आरंभ संस्था की संरक्षिका तथा महिला काव्य मंच की गुरुग्राम की अध्यक्षा दीपशिखा श्रीवास्तव ‘दीप’ के द्वारा माँ शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलन तथा सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। अंजू सिंह के कुशल संचालन में गोष्ठी में सम्मिलित साहित्यकारों ने अपनी सुंदर काव्य रचनाओं से गोष्ठी में खूबसूरत समा बाँध दिया। साथ ही आधुनिक तकनीक का सहारा लेकर इस नए प्रयोग ने साहित्य जगत को एक नया आयाम दिया जबकि विषम परिस्थितियों में भी कवि की रचनाओं का प्रकाश हर घर में फैलाने की यह कोशिश ऐतिहासिक रही।
अपनी रचनाओं से समाज को जागरूक बनाने वाले कवियों के बारे में कहां गया यह कथन ” जहां न जाए रवि वहां पहुंचे कवि” आज उस वक्त चरितार्थ होता दिखा जब दिल्ली, नोयडा, बैंगलोर, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद एवं अन्य शहरों के कवियों ने अपने ऊत्कृष्ठ काव्य पाठ के माध्यम से देश के साहित्य और कविता प्रेमियों में वैश्विक महामारी कोरोना के अंधकार में आशा और उम्मीद की किरणें जगा दी। वास्तव में यह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आयोजित काव्य पाठ आयोजन , कवि और कविता प्रेमी दोनों के लिए ही यादगार बन गया। अब तक मंच पर साउंड सिस्टम के साथ आम लोगों से सीधा संवाद स्थापित करने वाले कवियों के लिए यह एक अनोखा अवसर था जब अपने शब्दों की तीर को तकनीक के माध्यम से इस सम्मेलन से जुड़े हर घर में पहुंचाने का सुनहरा अवसर मिला। कहना ना होगा की इस प्रकार के आयोजन की कल्पना इससे पहले संभव है सूर्य के प्रकाश से भी अधिक तेजी और तीव्र गति से लोगों के जीवन में प्रकाश फैलाने वाले इन कवियों ने भी इस हद तक पहले कभी नहीं की होगी। यह नए प्रकार के मंच और श्रोताओं का समागम एक प्रकार से कवि सम्मेलन के आयोजन का नया स्वरूप सामने आया।
मुख्य रूप से आदि दीपशिखा श्रीवास्तव ‘दीप’, मनु लक्ष्मी मिश्रा, ममता सिंह, अंजू सिंह, रेखा श्रीवास्तव, मंजुला अस्थाना महंती, मानसिंह राठौर, नीरजा मल्होत्रा, परिणीता सिन्हा, रचना बंसल, मुकेश ‘लाडो’ शर्मा, अनिल मासूम, भूप राणा, कोमल वाणी, राखी कुलश्रेष्ठ, .डॉ प्रतिभा जैन, पूनम शर्मा, जयवीर सिंह अत्री, मंजूलता मन, भावना मिश्रा, पवन ठाकुर आदि कवियों व कवयित्रियों की काव्य प्रस्तुति ने कार्यक्रम की सफलता में चार चाँद लगा दिया। अब तक की परंपरा के अनुसार अक्सर कवि सम्मेलन में किसी खास शहर के श्रोता ही मौजूद होते थे लेकिन आधुनिक तकनीक के प्रयोग ने इस कवि सम्मेलन को अंतरराज्यीय स्तर का बना दिया क्योंकि इसमें अलग अलग शहर ही नहीं बल्कि विभिन्न राज्यों से कवियों का प्रतिनिधित्व दिखा। जाहिर है इसमें श्रोता भी कई राज्यों के और कवि भी कई राज्यों से शामिल हुए । सचमुच, यह आयोजन अपने आप में विशेष रहा। कवि और श्रोता दोनों के अनुभव अपने आप में एक्सक्लूसिव रहे जिसका अब इस देश में बारंबार प्रयोग होते आने वाले समय में भी दिखने की प्रबल संभावना है।
इसमें गुरुग्राम, हरियाणा से अपनी ओजस्वी रचना प्रस्तुत करने वाले कवि पवन ठाकुर जो एक केंद्र सरकार की प्रमुख संस्था में अधिकारी हैं ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही गाजियाबाद की मुख्य कोषाधिकारी मनु लक्ष्मी मिश्रा के अध्यक्षीय वक्तव्य ने गोष्ठी में सम्मिलित सभी साहित्यकारों को लॉकडाउन के इस समय में सकारात्मक प्रेरणा प्रदान की!
कार्यक्रम के अंत में संस्था की संरक्षिका दीपशिखा श्रीवास्तव ‘दीप’ ने धन्यवाद ज्ञापन के साथ साहित्यिक विकास के लिए ऐसे कार्यक्रमों के महत्व पर प्रकाश डाला। साथ ही आज की विपरीत परिस्थितियों को एक नायाब अवसर के रूप में बदल कर साहित्यिक गोष्ठी के आयोजन महत्त्व से अवगत भी करवाया।
विदित रहे कि ‘सेंटर फॉर पर्सनल डेवलपमेंट’ संस्था व्यक्तित्व निर्माण के प्रशिक्षण के साथ-साथ साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विकास के लिए समय समय पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन करती है। इसी क्रम में आज इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ।