नई दिल्ली : केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासनों को सुझाव दिया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 15.04.2020 को जारी दिशानिर्देशों के अनुसार कोविड-19 प्रकोप के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान वे नगर पालिका की सीमाओं के बाहर विद्युत परियोजनाओं में निर्माण गतिविधियों की अनुमति दें।
केंद्र सरकार ऐसे बड़े उद्योगों को खोल कर अधिक से अधिक मज्दूरों को काम देने की कोशिश में जुट गई है जहाँ सोशल डिस्टेंस को मेंटेन किया जा सकता है और श्रमिकों को रहने की व्यवस्था भी हो सकती है. दूसरी तरफ लॉक डाउन को 3 मई के बाद समाप्त करने को लेकर आशंका बरकरार है. विशेषग्य अभी इसे और बढाने के पक्ष में हैं.
मंत्रालय ने 20.04.2020 को राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, डीएम, पुलिस अधिकारियों, नगर पालिका निकायों को जारी एक पत्र व्यवहार में कहा है कि गृह मंत्रालय द्वारा दिनांक 15.04.2020 को आदेश संख्या 40-3/2020 -डीएम-1(ए) द्वारा जारी दिशानिर्देशों के पैरा 16(i) के अनुसार, 20 अप्रैल, 2020 से ग्रामीण क्षेत्रों अर्थात नगर निगमों एवं नगर पालिकाओं की सीमाओं के बाहर सभी प्रकार की औद्योगिक परियोजनाओं के निर्माण कार्य की अनुमति दे दी गई है। यह आदेश शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) की सीमाओं के बाहर की थर्मल/हाइड्रो पावर जेनरेशन परियोजनाओं में वर्तमान में चल रही गतिविधियों पर भी लागू है।
मंत्रालय ने दिनांक 15.042020 के गृह मंत्रालय के आदेश संख्या 40-3/2020-डीएम-1(ए) द्वारा जारी दिशानिर्देशों के पैरा 12(vi) के अनुसार,इन निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं के लिए निर्माण सामग्रियों, उपकरणों, स्पेयर्स एवं उपभोग योग्य वस्तुओं आदि की राज्य के भीतर एवं अंतःराज्यीय आवाजाही की अनुमति देने का भी आग्रह किया है।
इस पर जोर देकर कहा गया है कि कोविड-19 के संबंध में गृह मंत्रालय एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा समय समय पर जारी परामर्शियों एवं सभी आवश्यक सावधानियों एवं सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का अनुपालन करते हुए स्थलों पर परियोजना कार्यों की फिर से शुरुआत की जाए।
विद्युत मंत्रालय ने सभी विद्युत सीपीएसयू एवं आईआईपी एवं यूएमपीपी के सीएमडी को निर्माण स्थलों के लिए तैनात उनके कर्मचारियों एवं श्रमबल को कोविड-19 से सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक बचाव संबंधी उपाय/उपकरण/सुविधाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
पत्र व्यवहार में मुख्य सचिव (सभी राज्यों) को राज्य उत्पादक कंपनियों/स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों (आईआईपी) के संबंध में ऐसी ही कार्रवाई करने का परामर्श दिया गया है।