इस्लामाबाद। हिंद महासागर में भारत की बढ़ती क्षमता से पाकिस्तान के पेट में दर्द होने लगा है। उनके माथे पर चिंता की लकीरें दिखने लगी हैं।इस पड़ोसी मुल्क ने इस क्षेत्र की सुरक्षा-व्यवस्था में बदलाव लेन की कोशिश शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि इसके लिए उसने नई नीति बनाई है। इसमें नौसेना, वायुसेना और सेना के बीच समन्वय पर जोर दिया गया है, ताकि हिंद महासागर में वाणिज्यिक और सामरिक हितों को सुरक्षित किया जा सके।
डॉन समाचारपत्र में छपी खबर के अनुसार पाक सरकार और नौसेना के विभिन्न स्तरों पर नए मसौदे की समीक्षा शुरू हो गयी है। बताया जाता है कि इसकी जिम्मेदारी एक रिटायर्ड नौसैन्य अधिकारी कमांडर मुहम्मद आजम खान को दी गयी है जिसने इसका ब्लूप्रिंट तैयार किया है। उन्होंने सेंटर फॉर इंटरनेशनल स्ट्रैटजिक स्टडीज के कार्यक्रम में सोमवार को इसका संकेत दिया । समझा जाता है कि कमांडर खान ने मसौदे में नौसेना के बीच बेहतर समन्वय और सहयोग को बढ़ाने पर बल दिया है ।
उन्होंने कहा है कि हिंद महासागर में बदलते माहौल को देखते हुए पाकिस्तान के लिए समुद्री सुरक्षा को विशेष ध्यान देना जरूरी हो गया है। सुरक्षा के अलावा वाणिज्यिक हितों और मुक्त नौवहन को भी सुनिश्चित करना होगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि हल में चीन के इस क्षेत्र में बढ़ते हस्तक्षेप को देखते हुए भारत ने भी हिंद महासागर में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। इसलिए पाकिस्तान के माथे पर भी बल पड़ने लगे हैं।