सीएम मनोहर लाल ने बजट में युवाओं को विदेश का सपना दिखाया, सबको फ्री पासपोर्ट देने की घोषणा

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चण्डीगढ, 28 फरवरी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा के इतिहास में आज पहली बार बतौर वित्त मंत्री, राज्य का वर्ष 2020-2021 के बजट अनुमानों को प्रस्तुत किया। उन्होंने कुल 142,343,78 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत करते हुए पिछले वर्ष की तुलना में 7.7 प्रतिशत अधिक बजट एस्टीमेट वृद्धि की घोषणा की। उल्लेखनीय है कि पिछली वित्त वर्ष में हरियाणा का बजट एस्टीमेट 1,32, 165, 99 करोड़ था। बजट भाषण में उन्होंने कहा कि उनका बजट शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और स्वावलंबन पर अधिक केन्द्रित है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा की वित्तीय प्रबंधन बेहतर हैं तथा हरियाणा की जीडीपी वृद्धि देश के बडे राज्यों में सबसे अधिक है।

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हरियाणा विधनसभा में पहला ई बजट पेश करने क्रम में विधानसभा के सभी सदस्यों को इलेक्ट्रॉनिक टेबलेट मुहैया कराया गया जिससे सभी सदस्य बजट के आंकड़े को इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में देख पा रहे थे। सीएम ने बजट में युवाओं को फ्री पासपोर्ट जारी करने की घोषणा की। इस योजना के अनुसार स्नातक स्तर की परीक्षा पास करने वाले हरियाणा के सभी विद्यार्थियों को फ्री पास पासपोर्ट दिया जायेगा। उन्हें उनके फाइनल ईयर में ही पासपोर्ट दिया जाएगा जबकि सभी इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट के स्टूडेंट्स को भी संस्थान छोड़ने से पूर्व ही पासपोर्ट दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और स्वावलंबन जैसे मुख्य क्षेत्रों में सरकार ने इस वर्ष बजट में काफी वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष शिक्षा में 31.7 प्रतिशत, स्वास्थ्य में 23.17 प्रतिशत, स्वावलंबन अर्थात खेती इत्यादि में 36.7 प्रतिशत और सामाजिक सुरक्षा में 37 प्रतिशत बजट की वृद्धि की गई है।

उन्होंने कहा कि कर्ज को कम करने के लिए तीन प्रकार के तरीके हैं, एक टैक्स लगाया जाए, जोकि हमने नहीं लगाया, क्योंकि इससे जनता पर बोझ पडता है। दूसरा है पूंजीगत व्यय में कमी करके, परंतु इससे राज्य के विकास कार्य प्रभावित होते हैं, इसलिए यह भी व्यवहारिक नहीं हैं और तीसरा है उधार लेकर, लेकिन राज्य के विकास के लिए यह जरूरी हैं क्योंकि दुनिया की सभी अर्थव्यवस्थाओं में यह किया जाता है लेकिन यहां पर हमने जीएसडीपी अनुपात के तहत एफआरबीएम एक्ट की 25 प्रतिशत तक कर्ज लेने की सीमा रखी है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कर्ज की अलार्मिंग स्थिति नहीं हैं लेकिन खर्च लगातार बढता जा रहा है जिनमें से कुछ चीजें ऐसी हैं जिन्हें बंद नहीं किया जा सकता है, जैसे कि पेंशन, सामाजिक सुरक्षा संबंधी भत्ते और वेतन इत्यादि। उन्होंने उदाहरण देेते हुए कहा कि ये खर्चें लगातार बढते रहते हैं जैसे कि पेंशन पर वर्ष 2014-15 में 4600 करोड रूपए खर्च होते थे जो अब बढकर 9000 करोड रूपए हो गये हैं। इसी प्रकार, वेतन पर वर्ष 2014-15 में 13900 करोड रूपए खर्च होते थे जो अब बढकर 27000 करोड रूपए हो गय। उन्होंने कहा कि हम वित्तीय मामलों में मुकेदमेबाजी को कम करने पर भी बल दे रहे हैं और यह राज्य के हित में हैं तथा इससे हितधारकों के पास जो बकाया है, उसकी वसूली जल्द हो पाएगी। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, सरकार वन टाइम सैटलमेंट स्कीम लाने की योजना भी बना रही हैं ताकि राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत किया जा सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पंचायती राज संस्थाओं व शहरी स्थानीय निकायों को स्वायतत्ता देने के लिए कृतसंकल्प हैं और इस दिशा में हमने हाल ही में हर विधानसभा क्षेत्र में 80 करोड रूपये की दर से 7200 करोड रूपए वार्षिक धनराशि उपलब्ध करवाने का प्रावधान रखा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत इन संस्थाओं को विकास कार्य करवाने के लिए नियमित तौर पर धनराशि मिलती रहेगी ताकि गांवों पंच-सरपंच, जिला परिषद के सदस्य और शहरों में पार्षद अपने-अपने क्षेत्र के विकास की योजनाएं स्वयं बना सकेंगें और उन्हें स्वायतता मिलेगी।

उन्होंने कहा कि मैंने बतौर वित्त मंत्री राज्य का बजट प्रस्तुत करने से पहले विभिन्न क्ष़ेत्रों के हितधारकों और सभी दलों के विधायकों से प्री-बजट परामर्श किया और इसके तहत समय के अनुकूल न रहने वाली विभिन्न योजनाओं को बंद करने और आज की जरूरत के अनुसार ही नई योजनाओं को लागू करने की पहल की हैं और इससे कर्मचारियों के सुव्यवस्थीकरण में सहयोग मिलेगा। उन्होंने बताया कि बजट के लिए तीन दिन तक चली प्री बजट चर्चा में लगभग 300 सुझाव आए हैं और जिनमें से 52 विधायकों के सुझावों को बजट में सम्मिलित किया गया है।

उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के प्रशिक्षण हेतू एक व्यापक कार्यक्रम चलाया जाएगा और हर नए भर्ती हुए कर्मचारी को समग्र रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा तथा हर कार्यरत कर्मचारी को अगले तीन सालों में उसकी आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षित भी किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गौसंवर्धन व गौसरंक्षण योजना के तहत उन्हीं गौशालाओं को सरकारी अनुदान दिया जाएगा, जो अपनी गौशालाओं में अपनी क्षमता के अनुसार एक तिहाई बेसहारा गायों को आसरा प्रदान करेंगी। 


 
हरियाणा सरकार ने प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वर्ष 2020-21 में गाय के दूध की आपूर्ति करने वाले सहकारी दुग्ध उत्पादकों को मिलने वाली सब्सिडी को 4 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 5 रुपये प्रति लीटर करने का निर्णय लिया है, जोकि भैंस के दूध पर दी जाने वाली सब्सिडी के बराबर होगी। यह सब्सिडी ग्रीष्मकालीन महीनों में अप्रैल 2020 से सितम्बर 2020 तक मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के अन्तर्गत दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने श्री मनोहर लाल ने इसके लिए 30.43 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश में सहकारिता क्षेत्र के लिए  बजट अनुमान 2020-21 के लिए 1343.94 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया है।

बतौर वित्त मंत्री अपना पहला बजट पेश करते हुए मनोहर लाल ने बताया कि तरल दूध, फलों के रस और फरमेंटिड दुग्ध उत्पादों की आधुनिक पैकिंग के लिए प्रदेश का पहला सहकारी टेट्रा-पैक संयंत्र स्थापित किया जाएगा। सरकार द्वारा 9.60 करोड़ रुपये की लागत से दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के स्तर पर बल्क मिल्क कूलर के माध्यम से दूध की शीतकरण सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।

उन्होंने बताया कि प्रदेश के गन्ना किसानों को 340 रुपये प्रति क्विंटल की दर से देश में उच्चतम लाभप्रद मूल्य का भुगतान किया जा रहा है। सरकार ने 355 करोड़ रुपये की लागत से सहकारी चीनी मिल, पानीपत और 263 करोड़ की लागत से सहकारी चीनी मिल, करनाल के विस्तार और आधुनिकीकरण का एक व्यापक कार्यक्रम शुरू किया है। इसके अलावा, किसानों की आय बढ़ाने के लिए शाहबाद सहकारी चीनी मिल में 99 करोड़ रुपये की लागत से 60 किलो लीटर प्रति दिन की क्षमता के एथेनॉल संयंत्र की स्थापना भी की गई है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा के जो किसान फसली ऋण के मूलधन की अदायगी समय पर करते हैं, उन्हें बिना किसी ब्याज के प्रदान किये जा रहे हैं। वर्ष 2018-19 के दौरान लगभग पांच लाख ऐसे किसानों को 127.88 करोड़ रुपये की ब्याज में राहत दी गई है। प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों से लिए ऋण की 1990 के बाद से अदायगी न करने के कारण लाखों किसान बकायेदार हो गये थे। उन्हें राहत देते हुए पहली सितम्बर, 2019 से एकमुश्त निपटान योजना शुरू की गई। इस योजना के अंतर्गत प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के लगभग 8.50 लाख अतिदेय ऋणी सदस्यों में से लगभग 4.14 लाख सदस्यों ने 31.01.2020 तक 858.77 करोड़ रूपये की ब्याज राहत प्राप्त की है तथा 3214.05 करोड़ रूपये के अतिदेय ऋणों में से 1281.76 करोड़ रूपये के अतिदेय ऋणों की वसूली की गई।

इसी प्रकार जिला केन्द्रीय सहकारी बैकों के कुल 31,749 पात्र ऋणियों में से 7634 ऋणी सदस्यों ने 31 जनवरी, 2020 तक लगभग 497.40 करोड़ रुपये की ब्याज राशि का लाभ प्राप्त किया है और 608.33 करोड़ रुपये के अतिदेय ऋणों में से 165.80 करोड़ रुपये की वसूली की गई। इस योजना का लाभ उठाने से अब तक वंचित रह गए ऋणियों को एक और मौका दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए स्कूलों में इको क्लब स्थापित किए गए हैं जिन्हें अब जिला परिषदों के माध्यम से आगे बढ़ाया जाएगा।

        मुख्यमंत्री ने बजट में दौरान पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के लिए 12.64 करोड़ रुपये और पर्यटन और संस्कृति विभाग के लिए 59.93 करोड़ रुपयेे का प्रस्ताव किया।

        उन्होंने कहा कि सभी 22 जिलों में कुल 5250 ईको क्लब बनाए गए हैं। आईएमटी मानेसर में पर्यावरण प्रशिक्षण संस्थान, पंचकूला में रणनीतिक ज्ञान केंद्र तथा वेटलैंड के संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए स्थापित राज्य वेटलैंड प्राधिकरण के लिए उपयुक्त प्रावधान किए गए हैं। राज्य में वृक्ष आवरण जोकि वर्तमान में 6 प्रतिशत है, उसको 10 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा। इसके लिए वन विभाग द्वारा एकत्रित राजस्व को उपयोग में लाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार पर्यटकों को आकर्षित करने और हरियाणा को देश का प्रमुख पर्यटन स्थल बनाने के लिए राज्य में अनेक कदम उठा रही है। ‘‘स्वदेशी दर्शन योजना’’ के तहत, कुरुक्षेत्र में कृष्णा सर्किट की पहचान पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए की गई है। ब्रह्मï सरोवर, ज्योतिसर, नरकातारी, सन्नहित सरोवर स्थलों का विकास योजना के भाग के रूप में किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, शिवालिक की पहाडिय़ों में प्राचीन महत्व के स्थलों जैसे आदि बद्री और लोहगढ़ का विकास किया जाएगा। प्रदेश में सार्वजनिक निजी सहभागिता के तहत एक मैगा एक्वेरियम भी स्थापित किया जाएगा।


हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य ने जुलाई से दिसंबर 2019 के बीच वर्र्ष 2018-19 की इसी अवधि की तुलना में राज्य जीएसटी में 30.15 प्रतिशत की आर्कषक वृद्धि और अप्रैल से दिसंबर 2019 के दौरान 18.44 प्रतिशत की कुल वृद्धि दर्शाई है। इसी अवधि के दौरान अखिल भारतीय आंकड़े ने जीएसटी संग्रहण में 4.28 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाई है।

   
उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद कर दाताओं का आधार 1.92 लाख से बढ़ कर 4.51 लाख हो गया है, जो पहले की तुलना में अढ़ाई गुना से अधिक है। नए पंजीकृत डीलरों के भौतिक सत्यापन के एक विशेष अभियान के फलस्वरूप, 16,966 फर्जी डीलरों का पता चला और उन्हें विपंजीकृत किया गया। 190 व्यावसायिक संस्थाओं से जुड़े धोखाधड़ी के पंजीकरण और आईटीसी के फर्जी दावे के मामलों में 102 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।

उन्होंने कहा कि  जी0एस0टी0 के तहत पंजीकृत व्यापारियों के लिए मुख्यमंत्री व्यापारी सामूहिक निजी दुर्धटना बीमा योजना शुरू की है। जिसमें कुल 3.13 लाख पंजीकृत कर दाताओं से जुड़े 3.86 लाख व्यक्ति लाभकर्ता होंगे। इस योजना में दुर्घटना में मृत्यु या स्थाई दिव्यांगत होने पर पांच लाख रुपये का बीमा कवर होगा। एक दूसरी याजना मुख्यमंत्री व्यापारी क्षतिपूर्ति बीमा योजना शुरू की है, जिसमें 3.13 लाख व्यापारियों के स्टॉक या फर्नीचर के नुकसान की भरपाई करने के लिए 5 लाख रुपये से 25 लाख रुपये तक का बीमा किया गया है। इन दोनों स्कीमों के लिए सम्पूर्ण प्रीमियम का भुगतान सरकार ने किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि हाल ही में जारी ‘प्रत्यक्ष लाभ अंतरण निष्पादन सूचकांक 2019-20’ के अनुसार हरियाणा ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण में देशभर में प्रथम स्थान प्राप्त किया है । वित्तीय वर्ष 2019-20 में राज्य ने प्रत्यक्ष हस्तांतरण माध्यम से 7,160.08 करोड़ रुपये का अंतरण किया है। राज्य में संचालित 141 स्कीमों के लिए वर्ष 2019-20 में 4.3 करोड़ रुपये का लेन देन हुआ है। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण से वर्ष 2014-15 से वर्ष 2018-19 तक 1,182.18 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

  मुख्यमंत्री ने कहा कि नवगठित ‘नागरिक संसाधन सूचना विभाग’ विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान किये जा रहे लाभों और स्कीमों के सम्बन्ध में, विभिन्न विभागों को जोडऩे के लिए एक सांझा आंकड़ा आधार एकल तरीके से तैयार करेगा। इस उद्देश्य के लिए राज्य के हर परिवार को ‘परिवार पहचान पत्र’ दिया जाएगा जोकि एक परिवार पहचान होगा। परिवार पहचान पत्र सरकारी लाभों, स्कीमों, सब्सिडियों  और सेवाओं की प्रदायगी के लिए एक पहचान पत्र होगा। उन्होंने कि 26 जनवरी, 2020 को इसकी शुरुआत से लेकर अब तक 10.10 लाख परिवारों का ऑनलाइन पंजीकरण हो चुका है और उन्हें इलैक्ट्रॉनिकली पहचान पत्र दिए जा चुके हैं।

  उन्होंने कहा कि सरकार ने एक नई स्कीम ‘मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना‘ शुरू की है । इस स्कीम के तहत जिन परिवारों की सभी संसाधनों से वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये या इस से कम है और भूमि जोत 5 एकड़ या कम है, उन्हें 6000 रुपये वार्षिक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता लाभार्थी के अंशदान के लिए विभिन्न बीमा और पेंशन स्कीमों जैसे कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना, प्रधानमंत्री लघु व्यापारी मानधन योजना और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी योजनाओं के लिए दी जाती है। अंशदान के बाद शेष बची राशि लाभार्थी परिवार के खाते में सीधे जमा कराई जाएगी। स्कीम के तहत 26 जनवरी, 2020 को ऑनलाइन पंजीकरण शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि 26 फरवरी, 2020 तक 6.55 लाख परिवारों का पहले ही पंजीकरण हो चुका है। इन लाभार्थियों को 31 मार्च, 2020 से पहले अदायगी कर दी जाएगी।

हरियाणा सरकार ने सभी के लिए आवास के प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के मिशन को आगे बढ़ाते हुए वार्षिक योजना 2020-21 के लिए 32 करोड़ रूपये का परिव्यय प्रस्तावित किया है। इसी प्रकार, प्रधानमंत्री आवास-योजना शहरी के लिए 255 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज हरियाणा विधान सभा में बजट पेश करते समय बताया कि विभिन्न विभागों/बोर्डों/निगमों द्वारा वर्तमान में चलाई जा रही सभी आवास योजनाओं को एक छत के नीचे लाने के लिए ‘‘सभी के लिए आवास’’ नाम से एक नया विभाग बनाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि आवास बोर्ड हरियाणा द्वारा बीपीएल/ईडब्ल्यूएस श्रेणी, शहरी स्थानीय निकाय विभाग की प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी, राजीव आवास योजना, ग्रामीण विकास विभाग की प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, हरियाणा भवन निर्माण और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के लिए आवास अग्रिम योजना, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की आशियाना योजना, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की आवास की मरम्मत के लिए डॉ. बीआर अम्बेडकर नवीनीकरण योजना जैसी विभिन्न आवास योजनाओं को ‘‘सभी के लिए आवास विभाग’’ के दायरे में लाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत वर्ष 2019-20 में अब तक कुल 4,549 मकानों का निर्माण किया गया है जबकि 5,860 मकान निर्माणाधीन है तथा कुल 43.67 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि सरकार महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के लाभार्थियों को 100 गज के प्लॉट के आवंटन में आ रही दिक्कतों को भी दूर करेगी। लाभार्थियों को आवास बनाने की सुविधा हो, इस हेतु उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के साथ जोड़ा जाएगा।

हरियाणा में  लोगों को सुरक्षित, किफायती, कुशल और विश्वसनीय परिवहन प्रणाली उपलब्ध करवाने के लिए बजट अनुमान 2020-21 के लिए परिवहन क्षेत्र के लिए 2307.44 करोड़ रूपये के परिव्यय का प्रस्ताव किया गया है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बतौर वित्त मंत्री अपना पहला बजट पेश करते समय बताया कि राज्य में सुपर लग्जरी वातानुकूलित बसों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार 31 मार्च, 2020 तक 18 सुपर लग्जरी एसी मल्टी-एक्सल बसें खरीदने की प्रक्रिया में है। वर्ष 2020-21 में बीएस- ङ्कढ्ढ उत्सर्जन मानकों को पूरा करने वाली 867 स्टैण्डर्ड नॉन-ए.सी. बसों की खरीद भी पाइपलाइन में है। इसके अलावा, विभाग ने ऑनलाइन बोली प्रणाली आधार पर किलोमीटर स्कीम के तहत भी सैकड़ों बसों को बेड़े में शामिल किया है।

उन्होंने बताया कि हरियाणा परिवहन प्रणाली देश की श्रेष्ठतम परिवहन प्रणालियों में से एक है जो अपने लोगों को प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि 38 वोल्वो/मर्सिडीज सुपर लग्जरी वातानुकूलित बसों समेत 3602 बसों के मौजूदा बेड़े के साथ हमारी बसें प्रतिदिन लगभग 10.5 लाख किलोमीटर की दूरी तय करके लगभग 9.66 लाख यात्रियों को परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाती हैं।

मनोहर लाल ने कहा कि विभाग ने साथ-साथ मैनुअल टिकटिंग प्रणाली को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से बूट मॉडल पर इलेक्ट्रॉनिक टिकट इश्यूइंग मशीनों, आरएफआईडी आधारित बस पास सिस्टम और जीपीएस सिस्टम के कार्यान्वयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसके सितंबर, 2020 तक पूरी तरह से लागू हो जाने की संभावना है।

उन्होंने कहा कि सामाजिक दायित्व के रूप में सरकार द्वारा अपनी साधारण बसों में राज्य के 41 विभिन्न श्रेणियों के लोगों को मुफ्त/रियायती यात्रा सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इसमें छात्राओं के लिए उनके निवास से शैक्षणिक संस्थानों तक 150 किलोमीटर तक नि:शुल्क यात्रा शामिल है, जिसके लिए करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, अंबाला और पंचकूला जिलों में 20 मार्गों पर 36 बसें चलाई जा रही हैं। इसके अतिरिक्त, हमने छात्राओं/महिलाओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए 163 मार्गों पर 181 विशेष बस सेवाएं भी शुरू की हैं।

राज्य में ग्राम पंचायतों की कार्य प्रणाली में पारदर्शिता लाने हेतु ई-पंचायत व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके अतिरिक्त, ग्राम पंचायतों द्वारा करवाए जा रहे पक्की गलियों जैसे विकास कार्य अब ई-टैन्डर के माध्यम से ही करवाए जाएंगे।


मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज यहां हरियाणा विधान सभा के बजट सत्र के दौरान बतौर वित्त मंत्री राज्य का वर्ष 2020-21 का बजट प्रस्तुत करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने ग्रामीण विकास और विकास एवं पंचायत विभाग के लिए बजट अनुमान 2020-2021 के लिए 6294.79 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया, जो 2019-20 के बजट की तुलना में  21.89 प्रतिशत की वृद्घि है। इसमें ग्रामीण विकास के लिए 879.06 करोड़ रुपये का और विकास एवं पंचायत विभाग के लिए 5415.73 करोड़ रुपये का परिव्यय शामिल है। 

उन्होंने कहा कि बेहतर स्वच्छता व्यवस्था के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में प्रगति के लिए, राज्य को 2017 में खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया था। अब, स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण का ध्यान ओडीएफ  प्लस पर है, जिसमें ओडीएफ के स्थायित्व तथा ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी 22 जिलों में 1395 ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। 671 ठोस अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाएं और 520 तरल अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और शेष परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। सात ग्राम पंचायतों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में ठोस कचरे के घर-घर संग्रह, स्थानांतरण, पृथक्करण और निपटान की गतिविधियां शुुरू की जा चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि पंचायतों में मृत पशुओं के निपटान की समस्या के समाधान के लिए यह निर्णय लिया गया है कि वर्ष 2020-21 में प्रत्येक जिला परिषद् को पशुसंख्या आधार पर एक या दो वाहन उपलब्ध करवाए जाएंगे तथा एक टोल फ्री नम्बर दिया जायेगा जिस पर फोन करके मृत पशु की सूचना दी जा सकेगी और उसके निपटान की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सभी जिलों में वर्ष भर में लगभग 200 पशु मेलों का आयोजन होता है। पशुपालकों की सुविधा के लिए यह निर्णय लिया गया है कि भविष्य में प्रत्येक जिले में पहले से निश्चित स्थानों के अलावा कम से कम एक अन्य स्थान पर प्रति माह पशु मेले का आयोजन किया जाएगा। 

उन्होंने कहा कि उन्हें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सरकार और लोगों के सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण-2019 में हरियाणा ने उत्तर भारत में पहला और देश में दूसरा स्थान हासिल किया है। हरियाणा देश का पहला राज्य है जिसने अन्तर जिला परिषद नामक संस्था का गठन किया। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं को प्रशासनिक और वित्तीय रूप से सुदृढ़ करने के लिए अनेक निर्णय लिए गए हैं। इस वर्ष निदेशक, विकास एवं पंचायत विभाग तथा उपायुक्त की पंचों, सरपंचों, पंचायतों, और पंचायत समितियों सम्बन्धित प्रशासनिक और वित्तिय शक्तियां अब मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद् को हस्तांतरित की जायेंगी ताकि पंचायतों की समस्याओं का समाधान जिले में ही हो सके।

उन्होंने कहा कि यह भी निर्णय लिया गया है कि कार्यकारी अभियंता, पंचायती राज को भी जिला परिषद् के अधीन किया जायेगा ताकि जिला परिषद् विकास कार्यों को बेहतर ढ़ंग से करवाना सुनिश्चित कर सके। जिला परिषदें को वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करने हेतू जिला परिषदों को विभिन्न प्रकार का टैक्स लगाने की छूट दी जाएगी। सरकार केवल इन टैक्सो की न्यूनतम एवं अधिकतम दर निर्धारित करेगी। जिला परिषदों को हर वर्ष कम से कम 20 करोड़ से 25 करोड़ तक की अनुदान राशि उपलब्ध करवाने का भी निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि महाग्राम योजना, वर्ष 2015 में 10000 से अधिक आबादी वाले गांवों में आधारभूत सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रारम्भ की गई थी। इस योजना के तहत चिह्नित 150 गांवों में सीवरेज तथा सीवरेज ट्रीटमैन्ट प्लांट स्थापित किए जा रहें हैं। वर्ष 2020-21 से महाग्रामों में अप्रिय घटनाओं की रोकथाम के लिए एल.ई.डी स्ट्रीट लाईट लगवाई जाएंगी। महाग्रामों में समाजिक सुरक्षा एवं विकास कार्यों तथा स्वच्छता की निगरानी हेतू सी.सी.टी.वी. कैमरे भी लगवाए जायेंगे। इसके अतिरिक्त जिन ग्राम पंचायतों के पास अपने आय स्रोतों से एक करोड़ रुपए से अधिक की जमा राशि उपलब्ध है उनमें भी एल.ई.डी स्ट्रीट लाईट लगवाई जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के विनियमित विकास को बढावा देने एवं मूलभूत सेवाएं प्रदान करने तथा आवासीय सुविधा, विशेषकर कमजोर वर्गों के लिए उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से गठित हरियाणा ग्रामीण विकास प्राधिकरण को 50 करोड़ रुपये की राशि वित्त वर्ष 2020-21 में उपलब्ध करवाई जायेगी और पूर्ण राशि को उक्त उद्देश्यों के लिए खर्च किया जाएगा। जिन गांवों के लाल डोरे के भीतर के नक्शे तैयार हो जाएंगे, उन गांवों को एच0आर0डी0ए0 द्वारा प्राथमिकता दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि पंचायती राज विभाग के बजट में लगभग 27 प्रतिशत की वृद्घि की गई  है, जोकि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के प्रति हमारी सरकार की प्रतिबद्धता का सूचक है। हम इस वर्ष ग्राम पंचायतों की उनके अपने स्रोतों से आय अर्जित करने की प्रणाली में सुधार लाएंगेे ताकि उनकी वार्षिक आय 350 करोड़ रुपए से बढक़र 500 करोड़ रुपए तक हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार पंचायती राज संस्थाओं एवं शहरी स्थानीय निकायों को राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर दी जाने वाली अनुदान राशि को समय पर दिया जाना सुनिश्चित करेगी। साथ में ऐसे स्थानीय निकाय, जो कि वित्तीय तौर पर सुदृढ़ नहीं है उनको विकास कार्यों के लिए समान अनुदान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट में केन्द्रीय तथा राज्य वित्त आयोग तथा अन्य स्रोतों की सहायता को मिलाकर हर विधानसभा क्षेत्र में 80 करोड़ रुपये की दर से 7200 करोड़ रुपये वार्षिक धनराशि उपलब्ध करावने का प्रावधान रखा गया है।

मनोहर लाल ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारन्टी योजना के तहत श्रमिकों को 284 रुपए प्रति दिवस न्यूनतम मजदूरी दी जा रही है। इस स्कीम के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 के लिए 350 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया गया है। उन्होंने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के अंतर्गत कुल चयनित 10 कलस्टरों में 152 गांव शामिल किये गये हंै। वर्ष 2019-20 में अब तक कुल 377 कार्य आरम्भ किये गये जिनमें से 32 कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं तथा कुल 70.43 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जा चुकी है। इस योजना के अंतर्गत वार्षिक योजना 2020-21 के लिए 245 करोड़ रुपये की राशि प्रस्तावित की गई है।   

इसके अतिरिक्त, दीन दयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में 10,040 स्वयं सहायता समूह बनाये गए हैं और 7299 स्वयं सहायता समूहों को 42.58 करोड़ रुपये का रिवॉलविंग फण्ड दिया गया है। स्टार्ट-अप विलेज एंट्रेप्रीन्योरशिप प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण उद्यमों को शुरु करने और सहायता करने के लिए आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने और गरीबी व बेरोजगारी को कम करने के लिए सरकार के प्रयासों को लागू करना है। इन योजनाओं के अतंर्गत वार्षिक योजना 2020-21 के लिए 200 करोड़ रुपये की राशि केन्द्र व राज्य सरकार के हिस्से के रूप में प्रस्तावित की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य की पुरातात्विक भव्यता के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए, राज्य के सभी हड़प्पा स्थलों को दर्शाने वाली एक एटलस और 2020 के लिए हड़प्पा मुहर पर एक कैलेंडर प्रकाशित करने का निर्णय लिया है।

 मनोहर लाल ने आज यहां हरियाणा विधान सभा के बजट सत्र के दौरान बतौर वित्त मंत्री बजट अनुमान 2020-21 में पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के लिए 119.25 करोड़ रुपये का और अभिलेखागार के लिए 2.63 करोड़ रुपये का परिव्यय प्रस्तावित किया।

        उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र में बुद्ध स्तूप को पर्यटन आकर्षण स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। राज्य के प्राचीन स्थलों के संरक्षण के लिए पुरानी तहसील बिल्डिंग नूंह, लोहारू किले और तावडू के मकबरा परिसर को राज्य संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है। इसके अलावा, पंचकूला में एक स्टेट-ऑफ-आर्ट पुरातात्विक संग्रहालय स्थापित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, हिसार के गांव राखीगढ़ी में एक स्थल संग्रहालय एवं व्याख्या केंद्र निर्माणाधीन है। केन्द्रीय बजट 2021 में राखीगढ़ी को देश के एक प्रतिष्ठित स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री का धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए केन्द्रीय बजट में 1000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

        खान एवं भूविज्ञान विभाग के लिए 111.02 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने सतत विकास के सिद्धांतों का पालन करते हुए राज्य के खनिज संसाधनों का व्यवस्थित अन्वेशण और दोहन सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं। खनन क्षेत्रों के सीमांकन और भू संदर्भ मानचित्रण के लिए हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के साथ एक समझौता किया गया है। सरकार अवैध खनन के प्रति जीरो टोलरेंस नीति का पालन कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 में सभी खनन स्थलों की निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। खनिज रियायत प्रदान करने में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए ई-नीलामी और ई-रवाना बिलिंग प्रणालियों का पालन अनिवार्य किया जाएगा।

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