देशी ड्रोन तैयार करने की दिशा में अहम् कदम
नई दिल्ली : भारत के लड़ाकू क्षमता वाले देशी ड्रोन रुस्तम-।। ने अपना पहला सफल परीक्षण पूरा किया है. इस सफलता से मानवरहित वायुयान के भारत के विकास कार्यक्रम को प्रोत्साहन मिला है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस क्षेत्र में भी मजबूत सन्देश गया है.
लंबी अवधि का मानवरहित विमान
खबर है कि डीआरडीओ ने तापस 201 (रुस्तम- ।।) का सफल परीक्षण किया. यह मध्य उंचाई पर लंबी अवधि का मानवरहित विमान है. यह 24 घंटे तक उड़ान भर सकता है और देश के सशस्त्र बलों के लिए टोही मिशन का काम कर सकता है.
अमेरिका के प्रिडेटर ड्रोन की तरह
इस मानवरहित यान को अमेरिका के प्रिडेटर ड्रोन की तरह ही मानवरहित लड़ाकू यान के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है. यह परीक्षण बेंगलूरू से करीब 250 किलोमीटर दूर चित्रदुर्ग में एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज से किया गया जो मानवरहित यानों एवं मानवविमानों के परीक्षण के लिए नवविकसित उड़ान परीक्षण स्थल है.
डिजाइन और विकास डीआरडीओ ने किया
तापस 201 का डिजाइन और विकास डीआरडीओ की बेंगलूर की प्रयोगशाला एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट और एचएएल-बीईएल ने मिलकर किया है. इसका वजन दो टन है और डीआरडीओ के युवा वैज्ञानिकों की एक समर्पित टीम ने इसका परीक्षण किया. इसमें सशस्त्र बलों के पायलटों ने भी सहयोग किया.