रायपुर। छत्तीसगढ़ में गुरु घासीदास बाघ अभयारण्य के निर्माण को लेकर अधिसूचना जारी करने में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में विस्तृत जानकारी देने के लिए और अधिक समय मांगा गया है।
वन्यजीवों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता अजय दुबे की ओर से जनहित याचिका दायर किए जाने के बाद यह कदम सामने आया है। याचिका में बाघ अभयारण्य के लिए अधिसूचना जारी करने में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने का आरोप लगाया गया है जबकि केंद्र ने इसके लिए 2012 में मंजूरी दे दी थी।
पिछले सोमवार को जारी आदेश में कहा गया, ‘‘रिट याचिका में अनुरोध किया गया है कि क्षेत्र को बाघ अभयारण्य के तौर पर घोषित करने और इसे लेकर कोई अधिसूचना जारी की गयी है या नहीं, पर जानकारी दी जाए। इस संबंध में दिशा-निर्देश पाने के लिए उप-महाधिवक्ता ने और अधिक समय मांगा है।’’
याचिका में दुबे ने कहा कि बाघ अभयारण्य के लिए अधिसूचना जारी करने में राज्य सरकार की ओर से देरी की गयी, जो समझ से परे है।