नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने हाल ही में निजी सुरक्षा एजेंसी लाइसेंसिंग पोर्टल जारी किया है। यह पोर्टल एकीकृत आपराधिक न्याय प्रणाली (आईसीजेएस) से जोड़ा गया है, ताकि निजी सुरक्षा एजेंसियों का सत्यापन, लाइसेंस शुल्क का भुगतान, ई-हस्ताक्षर और जीओ टैगिंग ऑनलाइन किया जा सके। इस पोर्टल को और उपयोगी बनाने के लिए मॉडल नियमों में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है । इस सम्बन्ध में आम नागरिक से सुझाव मांगे गए हैं. इस बारे में सुझाव और प्रतिक्रिया [email protected] पर 06 दिसम्बर तक भेजी जा सकती है।
निजी सुरक्षा एजेंसी केन्द्रीय मॉडल नियम, 2006 में प्रस्तावित संशोधन –
· सुरक्षा एजेंसियों को व्यक्तिगत सत्यापन के स्थान पर डिजिटल सत्यापन के लिए एकीकृत आपराधिक न्याय प्रणाली (आईसीजेएस) के साथ जोड़ना ।
· भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के साथ मॉडल नियमों को 27.12.2018 से संरेखित करना अनिवार्य बनाया जाना ।
· कुछ प्रावधानों का डिजिटलीकरण करना जिन्हें पहले केवल ऑफ़लाइन विधियों द्वारा किया जा सकता था।
· बैंकर चेक या डिमांड ड्राफ्ट के साथ ही शुल्क के इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की व्यवस्था करना।
· एक से ज्यादा राज्यों में अपनी सेवाएं दे रही निजी सुरक्षा एजेसियों की व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर कर उनके लिए कारोबार आसान बनाना।
उल्लेखनीय है कि निजी सुरक्षा एजेंसी केंद्रीय मॉडल नियम, 2006 को मुख्य अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने की व्यवस्थाएं तय करने के लिए बनाया गया था। राज्यों और संघ शासित प्रदेशों ने अपने अलग-अलग नियम अधिसूचित कर इन्हें अपनाया। केंद्र सरकार ने अब इस मॉडल नियमों में संशोधन करने का प्रस्ताव रखा है ताकि डिजिटल युग में तकनीकी प्रगति के मद्देनजर अधिनियम का अधिक प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके और सुरक्षा एजेंसियों के लिए व्यवसाय करना आसान बनाया जा सके।
समाज में निजी सुरक्षा एजेंसी उद्योग का सुरक्षा और संरक्षा के नजरिये से काफी महत्व है। आर्थिक गतिविधियों के विस्तार के कारण निजी सुरक्षा एजेंसियों का कारोबार भी काफी तेजी से बढ़ रहा है। एक अनुमान के मुताबिक इस क्षेत्र में 90 लाख लोग काम कर रहे हैं। निजी सुरक्षा एजेंसी (नियमन) अधिनियम, 2005 के जरिये कामकाज को नियंत्रित किया जाता है। इसके लिए राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासन द्वारा अधिकारी नियुक्त किये जाते हैं। गृह मंत्रालय इस अधिनियम के तहत जरूरी नियम तय करता है।
गृह मंत्रालय द्वारा कानून में संशोधन के प्रस्ताव का ब्यौरा प्राप्त करने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर सकते हैं –
https://psara.gov.in/PDFs/commentsenglish.pdf
सुझाव भेजने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें :
https://mha.gov.in/sites/default/files/PrivateSecurityAgencies_07112019.pdf.