सुल्तानपुर । भारतीय रेल द्वारा गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशपर्व पर श्रद्धालुओं हेतु सुल्तानपुर लोधी स्टेशन पर विशेष इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा नहीं हो इसके लिए मंत्रालय का विशेष ध्यान इस ओर है। इस अवसर पर बड़े पैमाने पर सिक्ख श्रद्धालू के आने जाने की संभावना के मद्देनजर ट्रैन की संख्या भी बढ़ाई गई।
सुल्तानपुर लोधी स्टेशन को पूरी तरह दुल्हन की तरह सजाया गया है। सभी प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। इनमें 2 फुट ओवर ब्रिज,स्टील बेंच,अस्थाई टॉयलेट,बड़ा प्रवेश द्वार,आकर्षक पेंटिंग्स,पानी की व्यवस्था, वेटिंग हाल के साथ साथ 14 विशेष ट्रेन भी चलाई जा रहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि श्री गुरुनानक देव जी ने अपने जीवन के लगभग 15 साल सुल्तानपुर लोधी में बिताए हैं। बताया जाता है कि यहीं से गुरु जी की बरात बटाला के लिए रवाना हुई और शादी के बाद भी वे सुल्तानपुर लोधी में ही रहे। ऐसी मान्यता है कि यहीं गुरु जी को दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई और उन्होंने मूलमंत्र ‘इक ओंकार’ का उच्चारण किया। यानी गुरु ग्रंथ साहिब की आधारशिला रखी। इसी ऐतिहासिक शहर से ही गुरु नानक देव जी ने विश्व कल्याण के लिए 1499 ईस्वी में पांच उदासियों (यात्राओं) की शुरुआत की।
सुल्तानपुर लोधी के कई प्रमुख गुरुद्वारे हैं जिनका गुरुनानक देव के साथ गहरा नाता रहा है।
गुरु नानक देव के 550 वें प्रकाशोत्सव के उपलक्ष्य में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से गुरुद्वारा श्री बेर साहिब सुल्तानपुर लोधी पंजाब में महान गुरमति समागम कराया जाएगा। समागम को लेकर एसजीपीसी सदस्य हरभजन सिंह मसाना गुरुद्वारा बाउली साहिब में संत बाबा महिंद्र सिंह कार सेवा वालों को निमंत्रण देने पहुंचे। बताया कि 12 नवंबर को प्रकाशोत्सव पर दुनिया के अलग-अलग देशों में सिख समागम होंगे। एसजीपीसी की ओर से प्रकाशोत्सव 11 और 12 नवंबर को गुरु नानक खालसा कॉलेज सुल्तानपुर लोधी गुरमति समागम आयोजित किया जाएगा। इसमें सिख पंथ के महान विद्वान, रागी, ढाडी व कथावाचक संगत को गुरुबाणी द्वारा गुरु नानक देव के इतिहास से अवगत करवाएंगे।