गुरुग्राम : रोशनी का त्यौहार दीपावली पर्व श्रद्घा व हर्षोल्लास के साथ शहर के विभिन्न क्षेत्रों सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी मनाया गया। शहर के बाजारों में लोगों की भारी भीड़ दिखाई दी। दीपावली उत्सव को लेकर शहर में घरं व संस्थानं क रंगीन लडिय़ों की रशनी में सजाया गया था। सायं के समय लोगों ने अपने घरों व प्रतिष्ठानों में मां लक्ष्मी का पूजन कर सुख—समृद्धि की कामना की। अपने चिर-परिचितों को मिठाई व उपहार भेंट करने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। घरों में स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाए गए थे, जिनका परिजनों ने सामूहिक रुप से लुत्फ उठाया। इसके बाद बम—पटाखे फोडऩे का सिलसिला शुरु हो गया।
हालांकि प्रशासन ने प्रदूषण की समस्या को लेकर बम—पटाखों पर रोक लगाई हुई थी। एनसीआर में बिक्री पर पूरी तरह से रोक थी और ग्रीन पटाखे चलाने का समय भी निश्चित किया हुआ था। यानि कि रात्रि के 8 बजे से 1 बजे तक ही पटाखे चलाए जाने थे, लेकिन किसी ने इस आेर कोई ध्यान नहीं दिया। जिला प्रशासन के अथक प्रयास के बावजूद भी लोग पटाखे चलाने से बाज नहीं आए।
देर रात तक पटाखों का शोर सुनाई देता रहा। बेशक की सख्ती थी, फिर भी लग इस साल भर के त्यौहार को फीका नहीं होने देना चाहते थे। इसलिए लोगों ने जमकर पटाखे छोड़़े। पटाखों से प्रदूषण तो फैलता ही है, लेकिन लोग इसे धार्मिक आस्थाआें से भी जोडक़र देखते हैं। पटाखों के कारण बढ़ते प्रदूषण से छोटे बच्चे व वृद्धजन बेचैन अवश्य दिखाई दिए। शहर का आकाशीय नजारा देखते ही बनता था। जहां तक नजर दौड़ाई जाए, वहां तक रंगीन रोशनी में नहाया शहर ही नजर आया। दीपावली पर बड़ों के साथ छोटे बच्चों ने भी पटाखे चलाने में दिलचस्पी दिखाई। सुबह के समय पटाखों से निकला धुंआ वातावरण में छाया रहा।