गुरुग्राम। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के तत्वाधान में चल रहे तीन दिवसीय एंटरप्रेन्योरशिप जागरूकता शिविर का बुधवार को समापन हुआ। समापन समारोह में मुख्यअतिथि के तौर पर विश्वविद्यालय के कुलगुरू श्री राज नेहरू शामिल हुए एवं कार्यशाला में भाग लेने वाले विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए श्री राज नेहरू ने कहा कि हमें आइडिया समझना होगा, उस पर काम करना होगा एवं उसे बेहतर स्वरूप प्रदान करना होगा। जोखिम लेने से कभी ना घबराएं, बल्कि जोखिमों से सीखें एवं आगे बढ़े। उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि छोटे-छोटे उद्यमियों से प्ररेणा लें कि उन्होंने छोटा व्यवसाय शुरू करके खुद को आगे बढ़ाया। नौकरी ढूंढना जरूरी नहीं है, रोजगार पैदा करें। समाज के अंदर समस्याओं को खोजें एवं उन समस्याओं को उद्यमिता के माध्यम से किस प्रकार से कम किया जा सकता है, उस पर विचार करें। हमें उद्यमिता के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा रोजगार पैदा करने की कोशिश करनी चाहिए। विद्यार्थियों को चाहिए की वह हर कार्य में रचनात्मकता पैदा करें। जिस प्रकार के कौशल की आपको आवश्यकता है, उसके लिये विश्वविद्यालय हमेशा तैयार रहेगा। अध्यापकों के साथ मिलकर बेहतर उद्यमिता पर विचार करें एवं बेहतर उद्यमी बनें।
तीन दिवसीय कार्यशाला के दौरान अलग-अलग विषयों पर लगभग 12 विषय विशेषज्ञों ने बेहतर उद्यमी बनने के लिये विद्यार्थियों को टिप्स दिये। बुधवार को विशेषज्ञ के तौर पर उड़ान की सीईओ सलोनी कौल ने उद्यमीशलता के महत्व एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर विद्यार्थियों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उद्यमिता हर भारतीय के घर में है। शुरू से ही हम सबने अपने घरों में कुछ ना कुछ बनते हुए देखा है। हमारे बड़ों ने हर प्रकार के कार्यों अपने हाथों से किये है, हमने उनके साथ मिलकर उन कार्यां को बेहतर रूप प्रदान करना था। थोडी सी मेहनत आपके व्यवसाय को बेहतर रूप प्रदान करेगी।
वधवानी फाउंडेशन से डॉ. कल्पना सिंहा ने विद्यार्थियों को रोजगार के विकल्प के रूप में उद्यमिता विषय पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विद्यार्थी उद्यमिता को कैरियर के तौर पर ले एवं सफल उद्यमी बनें। राष्ट्र एवं समाज की तरक्की तभी संभव है जब समाज का प्रत्येक व्यक्ति सफल हो।
बुनावट की सीईओ अविपशा ठाकुर ने सफल उद्यमियों से संबंधित अनुभव विद्यार्थियों के सामने रखे। एवं बताया कि सफल उद्यमियों ने कही ना कही शुरूआत छोटे व्यवसाय से कि है। लेकिन उन्होंने मेहनत एवं लगातार प्रयास से बेहतर उद्यमिता हासिल की है। कार्यशाला की संयोजक एवं गुरूनानक देव सेन्टर ऑफ इनोवैशन लीडरशिप एंड एंटरप्रेन्योरशिप की प्रभारी डॉ. ज्योति राणा ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलगुरू श्री राज नेहरू का हमेशा प्रयास है कि विद्यार्थी तरक्की करें एवं बेहतर उद्यमी बनें। प्रो. ज्योति ने बताया कि हमारे विद्यार्थी उद्यमिता के क्षेत्र में रूचि जाहिर कर रहे हैं। कार्यशाला का उददेश्य ही विद्यार्थियों की जिज्ञासा को जानना एवं उन्हे बेहतर उद्यमी बनाना है। कार्यशाला के दौरान प्रो. आरएस राठौर, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, डॉ. विक्रम बसंल, डॉ. दलीप रैना, डॉ. योगिता, डॉ. प्रीति, डॉ. योगेश का सहयोग सराहनीय रहा।
जोखिम लेने से कभी ना घबराएं, जोखिमों से सीखें एवं आगे बढ़े : राज नेहरू
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छोटे-छोटे उद्यमियों से प्ररेणा लेकर खुद को आगे बढ़ाने की सलाह