गुडग़ांव : केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा वर्ष 2019-20 के लिए आम बजट संसद में पेश करने पर प्रतिक्रिया देते हुए एनसीआर चैम्बर आफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के अध्यक्ष एचपी यादव का कहना
है कि मध्यम एवं लघु उद्योगो के लिए बजट में राहत देने की उम्मीद केंद्र सरकार से थी, लेकिन बजट में ऐसा कोई विशेष प्रावधान नही किया गया है।
उनका कहना है कि लघु एवं मध्यम उद्योग और व्यवसायिक प्रतिष्ठान मंदी के दौर से गुजर रहे है और उद्यमियों को आशा थी कि इस वर्ष का बजट कुछ नए
प्रावधानों के साथ आएगा जिससे उद्योगों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को राहत मिलेगी परन्तु बजट मे कुछ विशेष नहीं है। हालांकि सरकार द्वारा विद्युत वाहनो के जीएसटी दरों मे 2 प्रतिशत की कटौती की घोषणा अवश्य की है, जिससे इस क्षेत्र में लगे उद्यमियों को थोड़ी राहत अवश्य मिलेगी तथा साथ ही सरकार द्धारा लघु एवं मध्यम उद्योगों के द्वारा किए जाने वाले भुगतान हेतु अलग पोर्टल बनाने से लघु उद्यमियों को आसानी होगी। पेट्रोल तथा डीजल पर टैक्स लगाए जाने से महंगाई बढ़ जाएगी और इसका सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ेगा।
यादव का कहना है कि छोटे व्यवसायियों एवं दुकानदारों को पैंशन सुविधा देना एक सराहनीय कदम है तथा जीएसटी में पंजीकृत लघु एवं मध्यम उद्योगों को ब्याज मे 2 प्रतिशत की राहत दी गई है, परन्तु इसके लिए मात्र 350 करोड़ रू पए का प्रावधान किया गया है जो कि ऊट के मुंह मे जीरे के समान है।
बजट में गुरूग्राम से मानेसर व रेवाड़ी तक दिल्ली मैट्रो के विस्तार व मेवात क्षेत्र को रेलवे लाईन से जोडने सम्बन्धी कोई प्रावधान नहीं किया गया, जिससे उद्यमियों को निराशा हुई है। कुल मिलाकर यह एक मिला जुला बजट कहा जा सकता है।