वाराणसी। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि मैं भी भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता होने के नाते पार्टी और कार्यकर्ता जो आदेश करते हैं उसका पालन करने का मैं भरसक प्रयास करता हूं। आपने मुझे आदेश दिया था कि आप काशी में प्रवेश नहीं कर सकते, मैंने कार्यकर्ताओं का आदेश माना।उन्होंने कहा कि एक मास पूर्व जब 25 तारीख को मैं यहां था तब जिस आन-बान-शान के साथ काशी ने एक विश्वरूप दिखाया था और वो सिर्फ काशी या उत्तर प्रदेश को प्रभावित करने वाला नहीं था उसने पूरे हिन्दुस्तान को प्रभावित किया।
पीएम मोदी ने कहा कि शायद ही कोई उम्मीदवार चुनाव के समय इतना निश्चिंत होता होगा, जितना मैं था। इस निश्चिंतता का कारण आपका परिश्रम और काशीवासियों का विश्वास था। नतीजे और मतदान दोनों समय मैं निश्चिंत था और बड़े मौज के साथ केदारनाथ में बाबा के चरणों में बैठ गया था। उनका कहना था कि काशी तो अविनाशी है, काशी ने जो स्नेह और शक्ति मुझे दी है, ऐसा सौभाग्य मिलना बहुत मुश्किल है।
चुनाव में बड़ी संख्या में वोट डालने की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि ये हिन्दुस्तान के लोकतंत्र की एक बहुत बड़ी घटना है जब यहाँ के लोगों ने चुनाव को जीत-हार के लिए नहीं बल्कि लोक पर्व की तरह समझा, लोक शिक्षा का माध्यम समझा।
उन्होंने कहा कि इस चुनाव में अलग-अलग दलों के साथी और निर्दलीय साथी जो मैदान में थे, उनका भी मैं आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने पूरी गरिमा के साथ काशी के चुनाव अभियान को आगे बढ़ाया। मैं सभी अन्य उम्मीदवारों का मन से अभिनंदन करता हूं। मैंने कहा था ये चुनाव ‘हर घर का नरेंद्र मोदी लड़ेगा, हर गली का नरेन्द्र मोदी लड़ेगा’ बिलकुल वैसे ही आप सब ‘नरेंद्र मोदी’ बन गए ।
पीएम मोदी ने काशी में निकाली गई स्कूटी यात्रा की चर्चा करते हुए कहा कि पूरे देश में और सोशल मीडिया में यहां की बेटियों ने जो स्कूटी यात्रा निकाली उसकी बड़ी चर्चा है, स्कूटी पर बैठकर हमारी बेटियों ने पूरी काशी को अपने सिर पर बैठा लिया था।
पीएम ने काशी के संगठन से जुड़े लोगों व पार्टी के हर कार्यकर्ता का और हर समर्थक का यह कहते हुए आभार जताया कि उन्होंने इस चुनाव को जय-पराजय के तराजू से नहीं तोला। उन्होंने कहा कि सभी ने इस चुनाव को लोक संपर्क, लोक संग्रह और लोक समर्पण का पर्व माना।