नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने केंद्रीय मंत्री व बिहार के बेगूसराय से भाजपा प्रत्याशी गिरिराज सिंह को उनके वंदे मातरम को लेकर दिए विवादित बयान पर जवाब मांगा है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के फायरब्रांड नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह अपने विवादित बयानों के लिए जानेजाते हैं। लेकिन इसबार वे मुश्किल में पड़ गए हैं। चुनाव आयोग ने अल्पसंख्यक समुदाय की ओर इशारा करते उनके एक बयान को लेकर नोटिस जारी कर उनसे 24 घंटे में जवाब मांगा है।
*यह है मामला*
विदित हो कि गिरिराज सिंह पर आरोप है कि उन्होंने बीते 24 अप्रैल को बेगूसराय में एक जनसभा में यह कहा था कि जो ‘वंदे मातरम’ नहीं कह सकता वो मातृभूमि की पूजा नहीं कर सकता। उन्हों आगे कहा, ‘अरे गिरिराज के तो बाबा-दादा सिमरिया घाट में गंगा के किनारे मरे। उस भूमि पर कब्र भी नहीं बनाया। तुम्हें तो तीन हाथ की जगह भी चाहिए। अगर तुम ऐसा नहीं कर पाओगे (वंदे मातरम नहीं कहोगे) तो देश कभी माफ नहीं करेगा।’
*चुनाव आयोग ने लिया संज्ञान, प्राथमिकी दर्ज*
गिरिराज सिंह के उक्त बयान को चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया। गुरुवार को बेगूसराय के जिला निर्वाचन पदाधिकारी व जिलाधिकारी राहुल कुमार ने मामले पर संज्ञान लेते हुए गिरिराज सिंह के खिलाफ नगर थाने में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज कराया। जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र से गिरिराज सिंह का बयान अल्पसंख्यकों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाता है और यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है। उन्होंने उनके खिलाफ आरपी एक्ट व आइपीसी की विभिन्न धराओं के तहत नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। इसके बाद चुनाव आयोग ने सोमवार को गिरिराज से 24 घंटे में जवाब मांगा है।
लोजपा ने पल्ला झाड़ा, जदयू ने की कार्रवाई की मांग
बता दें कि गिरिराज सिंह के विवादित बयान से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों ने भी किनारा कर लिया। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि इसपर चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान देने वालों की उम्मीदवारी निरस्त कर दी जानी चाहिए, लेकिन चुनाव आयोग के दांत खाने के और हैं, दिखाने के कुछ और। लोजपा नेता चिराग पासवान ने गिरिराज का नाम लिए बिना कहा कि लोजपा ऐसी भाषा का समर्थन नहीं करती।