निगम आयुक्त यशपाल यादव ने की कार्रवाई की मॉनिटरिंग
रविवार को छुट्टी के दिन भी निगम की टीम ने की कार्रवाई
सत्ताधारी नेता रहे मौन, विपक्ष ने दिया जनता का साथ
सीएम विंडो की शिकायत को भी दबा देते हैं निगम के अधिकारी
गुरुग्राम। शहर की कृष्णा कालोनी के निवासियों और अवैध मकान बनाने वाले बिल्डरों के बीच की लड़ाई आखिर अंजाम तक पहुंची। हरियाणा सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनन्द मोहन सरन के व्यक्तिगत हस्तक्षेप और गुरुग्राम नगर निगम के आयुक्त यशपाल यादव की सक्रियता रंग लाई। बिल्डरों की धमकी के बावजूद एक्शन विकास मालिक के नेतृत्व में निगम के तोड़फोड़ दस्ते ने पांचों मंजिलों में अतिक्रमण कर बनाये गए बाथरूम व अन्य प्रसाधनों को ढहा दिया। इस लड़ाई में कालोनी के लोगों को इनेलो नेता व हरियाणा विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता अभय चौटाला और विधायक जाकिर हुसैन का भी साथ मिला जबकि स्थानीय विधायक और मंत्री मौन धारण किये रहे। इस पूरे घटनाक्रम में सम्बंधित थाना क्षेत्र पुलिस की भूमिका संदेहास्पद रही लेकिन निगम के अधिकारियों की इस त्वरित कार्रवाई से कृष्ना कालोनी के लोगों ने राहत की सांस ली।
उल्लेखनीय है कि शहर की कृष्णा कालोनी में पिछले डेढ़ साल से अवैध मकान व फ्लैट बनाने का धन्धा इस कदर फलने फूलने लगा है कि कालोनी बेतरतीव हो गयी । कालोनी की सड़कों व गलियों पर अतिक्रमण इस कदर किया गया कि कालोनीवासियों की सुरक्षा का पहलू पूरी तरह गौण हो गया। लोग बेहद परेशान रहने लगे क्योंकि यहां किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में एम्बुलेंस या फिर फायर ब्रिगेड या अन्य बड़ी गाड़ियों की आवाजाही मुश्किल होने लगी। यहां हर गली में अवैध बहुमंजिले फ्लैटस बनाने की बाढ़ आ गयी। अधिकतर ऐसे फ्लैट्स बिल्डिंग्स बाय लाज के नियमों का खुला उल्लंघन कर बनाये गए हैं या फिर बनाये जा रहे हैं। निगम के निचले स्तर के अधिकारी इसे आंखें मूंन्द कर देखते रहे और कृष्णा कालोनी के लोग इसका विरोध करते हुए फ्लैट्स बनाने वालों द्वारा गलियों में किये जा रहे अतिक्रमण को रोकने व इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए सीएम विंडो से लेकर थाना पुलिस के चक्कर लगाते रहे।
इसी प्रकार का एक पांच मंजिला मकान कृष्णा कालोनी के प्लाट न.309/12 में बन रहा था जिसमें बिल्डर तरुण व मन्नू ने सारे नियमों को ताक पर रखते हुए गलियों में अतिक्रमन कर लिया था। चार फुट से भी अधिक गलियों में छज्जा बाहर निकाल कर बाथरूम का कंस्ट्रुक्शन कर दिया था। स्थानीय निवासियों के विरोध के बावजूद बिल्डरों ने अतिक्रमण जारी रखा और गुंडागर्दी की धौंस दिखाते हुए निर्माण जारी रखा। स्थानीय लोगों ने इस अवैध मकान के निर्माण का प्रबल विरोध किया। इसकी शिकायत लगभग एक साल पूर्व सीएम विंडो पर की गई लेकिन निगम के तत्कालीन डीटीपी व अन्य अधिकारी ने अपनी फर्जी रिपोर्ट से लोगों की आवाज को दबा दिया। नक्शे का वायोलेशन कर बनाये जा रहे मकान को भी उन अधिकारियों ने संरक्षण प्रदान किया और गलियों में किये जा रहे अतिक्रमण को पूरी तरह नजरअंदाज किया। शिकायतकर्ताओं ने बिल्डरों से मिलीभगत कर अधिकारियों द्वारा भेजी गई आधारहीन रिपोर्ट के प्रति असंतोष जाहिर करते हुए पुनः कार्रवाई की मांग की। रिश्वत के सहारे चल रहे इस अनैतिक खेल के आगे कृष्णा कालोनी के लोगों ने हार नहीं मानी और अपनी सुरक्षा की लड़ाई को जारी रखते हुए लगातार लिखित शिकायत निगम से लेकर चंडीगढ़ तक भेजते रहे। अधिकारियों को इन बिल्डरों द्वारा की जा रही मनमानी से अवगत कराते रहे।
बताया जाता है कि दो दिन पूर्व अंततः यह मामला मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से हरियाणा सरकार के शहरी विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनन्द मोहन शरण के संज्ञान में आया। उन्होंने तत्काल गुरुग्राम नगर निगम के आयुक्त यशपाल यादव को फोन कर इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। निगमायुक्त ने आननफनान में मामले की गंभीरता को देखते हुए एक्शन विकास मालिक को उक्त बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई का आदेश जारी किया और पूरे मामले की स्वयं मोनिटरिंग की। उनके आदेश पर निगम की टीम ने उक्त अवैध बने मकान का मुआयना किया और उसमें घोर लापरवाही पाया जबकि चार फुट से अधिक गलियों में अतिक्रमण भी करने की पुष्टि हुई।
निगमायुक्त यशपाल यादव ने अवैध तरीके से बनाये जा रहे इस 5 मंजिला फ्लैट्स के अतिक्रमण को ढहाने का आदेश दिया। निगम के एक्शन विकास मालिक की टीम जिसमें एसडीओ सुनील, जे ई हरि प्रकाश,आरिफ खान और दीपक शामिल थे ने रविवार को छुट्टी के दिन भी सक्रियता दिखाई औऱ उक्त पांच मंजिला अवैध मकान के अतिक्रमण को गिराया। उक्त बिल्डर पूरी तरह गुंडागर्दी पर उतर आया था लेकिन निगम के अधिकारियों ने एसीएस आनंद मोहन सरन के आदेश का सख्ती से पालन किया और अतिक्रमण कर बनाये गए मकान को ढहाया। उक्त बिल्डर को बिल्डिंग बाय लॉज का उल्लंघन करने के लिए निगम की ओर से नोटिस भी जारी किया गया है।संभावना इस बात की प्रबल है कि निगम उक्त बिल्डिंग की सील भी करेगा क्योंकि इसके निर्माण में बिल्डिंग बाय लॉज का तनिक भी पालन नहीं किया गया है।
इस कार्रवाई से लोगों ने राहत की सांस ली लेकिन उनकी मांग है कि कालोनी में बने एक दर्जन से अधिक अन्य ऐसे अवैध मकानों के खिलाफ भी इस प्रकार की कार्रवाई करने की जरूरत है तभी यहां की गलियों से अतिक्रमण हटेगा और लोग सुरक्षित महसूस करेंगे।
मेजर खजान सिंह पूर्व अध्यक्ष आर डब्ल्यू ए कृष्णा कालोनी, मेहताब सिंह एडवोकेट, रॉव नवेंद्र, , राजकुमार अरोड़ा, ओमप्रकाश यादव, राजपाल यादव, मोहित श्रीभगवान, सहगल, श्रीवर्मा एवं आर एस दहिया ने इस करवाई के लिए एसीएस आनंद मोहन सरन एवं निगमायुक्त यशपाल यादव का धन्यवाद किया है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि निगम की पूरी टीम ने बिल्डरों की गुंडागर्दी व धमकी की परवाह न करते हुए जिस प्रकार से जनहित में कार्रवाई की है वह सराहना के योग्य है। उन्होंने कहा कि बिल्डरों ने कालोनी का नक्शा बिगाड़ कर रख दिया है। मनमाने तरीके से पैसे व गुंडों के बल पर अतिक्रमण करना इनकी फितरत बन गयी है। सामान्य लोगों की आवाज को कुछ अधिकारियों व स्थानीय पुलिस के अनैतिक गठबंधन से दबा दिया जाता है। शिकायत करने वाले लोगों को जान से मारने की धमकी देना व गुंडे बुलाकर शिकायत करने वालों से मारपीट करना इनके लिए सामान्य बात हो गयी है। इस शहर में गलियों पर अतिक्रमण करना बिल्डर अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं। बिल्डिंग के लिए निर्धारित मानक व पास कराया गया नक्शा इनके लिए महज एक कागज का टुकड़ा है।
कालोनी के लोग इस स्थिति से आजिज आ चुके हैं। लोगों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि कृष्णा कालोनी की गलियों को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त कराया जाए। उन्होंने यहां बने एक दर्जन से अधिक ऐसे बहुमंजिला फ्लैट्स सील करने की भी मांग की है।
कालोनी के प्लाट न.309/12 में बने मकान पर हुई तोड़फोड़ की कार्रवाई को लोग निगम की देर आयद दुरुस्त आयद की संज्ञा दे रहे हैं लेकिन इसमें स्थानीय पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े कर रहे हैं। अधिकतर लोगों का कहना है कि इस मामले में जब पुलिस से शिकायत की गई तो उनका रवैया शुरू से ही टालमटोल का रहा। यहां तक कि बिल्डरों द्वारा जान से मारने व अपहरण करने तक की धमकी देने की शिकायत करने पर भी सक्रियता नहीं दिखाई। शिकायत तक दर्ज नहीं कि गई। कालोनी में चर्चा तो यहाँ तक है कि पुलिस ने उक्त अवैध भवन में तोड़फोड़ करने आई निगम की टीम को भी आधे अधूरे मन से सुरक्षा मुहैया कराई। कार्रवाई के दौरान पुलिस का रवैया असहयोगात्मक रहा और निगम के इंजीनयर व अधिकारी जान पर खेल कर कार्रवाई में जुटे रहे।
उक्त मामले में स्थानीय विधायक उमेश अग्रवाल और केबिनेट मंत्री राव नरबीर से भी लोगों को निराशा ही हाथ लगी। लोगों का कहना है एक तरफ सत्ताधारी पार्टी के नेता मौन धारण किये रहे जबकि दूसरी तरफ हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय चौटाला ने एक वरिष्ठ अधिकारी को फोन कर इसमें कार्रवाई करने का दबाव बनाया। साथ ही इनेलो विधायक जाकिर हुसैन ने भी कालोनी के लोगों की मांग को जायज ठहराते हुए उक्त अधिकारी से हस्तक्षेप की मांग की। मामले में इनेलो नेता की सक्रियता कृष्णा कालोनी के लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है जबकि भाजपा व कांग्रेस के नेताओ की अनदेखी ने लोगों को निराश किया।