अमृतसर । पंजाब के अमृतसर में जोड़ा रेल फाटक के पास रावण दहन देखने आए लोगों की भीड़ पर चढ़ी ट्रेन की घटना में अब तक 50 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। हादसा इतना हृदया विदारक है कि ट्रेक पर क्षत-विक्षत शव पड़े हैं तथा आस-पास का क्षेत्र खून से लाल है। पंजाब पुलिस ने 50 लोगों के मरने की पुष्टि की है। मौके पर रेलवे के आलाधिकारी पुलिस बल के साथ पहुंच चुके है। बचाव व राहत कार्य जारी है। घायलों को 108 एंबुलेस के जरिए अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि यह ट्रेन पठानकोट से अमृतसर आ रही थी। मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक, रावण दहन के कार्यक्रम में कांग्रेस नेता नवजोत सिद्धू की पत्नी भी शिरकत करने आई थी, लेकिन हादसे के बाद वह मौके पर ठहरे नहीं और वहां से तुरंत रवाना हो गए। हादसे की सूचना पर मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। क्षत विक्षत शवों को देखकर लोग बिलख पड़े।बताया जा रहा है कि हादसे की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे पंजाब के कैबिनेट मंत्री ओपी सोनी के साथ लोगों ने हाथापाई भी की।
घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीद बता रहे हैं कि ट्रेन की स्पीड बहुत ज्यादा थी, जबकि भीड़भाड़ वाले इलाके को देखते हुए इसकी रफ्तार कम होनी चाहिए। इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी है। बहरहाल, घटनास्थल के पास काफी लोग एकत्रित हो गए हैं और स्वजनों की तलाश कर रहे हैं।
मौके पर चारों तरफ लोगों के रोने-बिलखने की तस्वीरें देखी जा सकती हैं। यह सब कुछ इतना विचलित करने वाला है कि इसकी तस्वीरें दिखाई नहीं जा सकती है। मौके पर बचाव दल पहुंच गया है. बड़े पैमाने पर पुलिस बल को भी तैनात किया गया है। उत्तरी रेलवे के सीपीआरओ ने कहा कि गेट नंबर पर 27 पर अमृतसर और मनावाला के बीच ये हादसा हुआ. दशहरा का जश्न हो रहा था कि कुछ देर बाद लोग बंद गेट नंबर 27 की तरफ दौड़ने लगे। इस दौरान वहां से डीएमयू ट्रेन नंबर 74943 गुजर रही थी। ऐसे में लोग उसकी चपेट में आ गए।
वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘अमृतसर रेल हादसे के बारे में सुनकर सदमे में हूं। दुःख की इस घड़ी में मदद के लिए सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को खुले रहने के लिए कहा है। जिला अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत और बचाव अभियान शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।’