नई दिल्ली। लाल किले की लव-कुश रामलीला में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे। पीएम मोदी लाल किला मैदान में राम-लक्ष्मण के दर्शन करने के बाद रावण पर प्रतीकात्मक तीर छोड़कर पुतला दहन किया। इसके साथ ही रावण का पुतला धूं-धू कर जला उठा और बुराई का अंत हो गया।लाल किले के सामने स्थित रामलीला मैदान में रावण दहन की परंपरा 1924 से चली आ रही है, लेकिन लव-कुश रामलीला की शुरुआत 1988 में हुई थी।
पीएम मोदी ने कहा कि दशहरे को अधर्म पर धर्म की तथा बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में लोगों को अपने चारो ओर मौजूद बुराइयों को खत्म करते हुए अच्छाई की ओर बढ़ना चाहिए।
कोविंद ने कहा- अनुशासित जीवन शैली समाज में हम सबको अपनी जिम्मेदारियों का बोध कराती है। रामकथा में ऐसी ही प्रासंगिकता मिलती है। हमें राम के जीवन से मिली शिक्षा को लेकर जीवन में आगे बढ़ना है। हम इस पावन पर्व पर लोभ, हिंसा जैसी बुराइयों को रावण के पुतले के साथ जलाएं। पर्यावरण और समाज के लिए अपनी जिम्मेदारियों को समझें।