नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे, गुड्स एंड सर्विस टैक्स और नॉन परफॉर्मिंग एसेट को लेकर फैलाये जा रहे झूठ को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की कड़ी आलोचना की है। फेसबुक पर एक पोस्ट में जेटली ने कहा है कि एक परिपक्व लोकतंत्र में जो झूठ के सहारे रहते हैं, वह सार्वजनिक जीवन के लिए कभी फिट नहीं बैठते। वित्त मंत्री जेटली ने कहा- ‘क्या मसखरे शहजादे (राहुल गांधी) मसखरा करते-करते थक गए हैं, इसलिए क्या अब खुद से ही मसखरी (मज़ाक) कर रहे हैं।’
जेटली ने अपने पोस्ट में लिखा,’ राहुल उस रणनीति पर काम कर रहे हैं, जहां एक झूठ बनाकर बार-बार बोला जाता है। अगर आपको तथ्यात्मक चीजें नहीं जंचती, तो बेशक कोई और विकल्प देखिए। लेकिन, बार-बार एक झूठ को दोहराइए नहीं, क्योंकि ऐसा करने से सच झूठ में नहीं बदल जाएगा। सच तो सच ही रहेगा।’ जेटली ने आरोप लगाया- ‘राहुल गांधी आत्म भ्रम में जी रहे हैं।’
राफेल डील और एनपीए को लेकर राहुल गांधी ने मोदी सरकार और वित्त मंत्री जेटली पर देश को गुमराह करने के आरोप लगाए हैं। इसका जवाब देते हुए जेटली ने कहा, ‘जो ऐसे आरोप लगा रहे हैं, वो खुद भी जानते हैं कि अगर मैंने कुछ बोला तो उनकी बोलती बंद हो जाएगी।’
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘राहुल गांधी बार-बार आरोप लगाते हैं कि देश की एक निजी कंपनी को सरकार ने एक डील के जरिये 38,000 से 1, 30, 000 करोड़ तक का फायदा पहुंचाया। पहले जो हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को मैन्युफैक्चर करना था, वो अब एक प्राइवेट कंपनी कर रही है, जिसे इसका अनुभव भी नहीं है।’
दूसरी तरफ वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि देश को निरंतर उच्च आर्थिक वृद्धि की राह पर बनाए रखने और त्वरित निर्णय के लिए केंद्र में मजबूत और निर्णय करने में समर्थ सरकार का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी अर्थव्यवस्था को इतना मजबूत बनाना होगा कि हम कच्चे तेल के ऊंचे दाम और गिरते रुपये की चुनौतियों का आसानी से मुकाबला कर सकें।
जेटली मंगलवार को यहां उद्योग मंडल एसोचैम की 98वीं सालाना बैठक को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, यदि देश को उच्च वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ाते रहना है … यदि उच्च वृद्धि, उच्च राजस्व और अधिक संसाधन लगातार प्राप्त करते रहना है और देश में बेहतर ढांचागत सुविधाओं के लक्ष्य को हासिल करना है तो केन्द्र में मजबूत और निर्णायक नेतृत्व होना जरूरी है।
वित्तमंत्री ने देश के समक्ष चुनौतियों का जिक्र करते हुये कहा कि भारत तेल का शुद्ध आयातक देश है। विश्व बाजार में कच्चे तेल की कृत्रिम तौर पर कमी पैदा कर दाम बढ़ाये जा रहे हैं। इसका अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने कहा, इस स्थिति का मुकाबला करने के लिये हमें तैयार रहना होगा। हमें इसका सामना करने के लिये क्षमता पैदा करनी होगी।
वित्त मंत्री ने अपनी बात को और स्पष्ट करने के लिए आईएल एंड एफएस कंपनी को संभालने की कार्रवाई का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा , यदि आज कमजोर नेतृत्व होता तो कर्ज के बोझ से दबी इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एण्ड फाइनेंसियल सविर्सिज (आईएल एण्ड एफएस) के मामले को उस तरह से नहीं संभाल सकता था जैसा कि मौजूदा सरकार ने किया है। एक उभरते संकट को को तुरंत संभाल लिया गया।