नई दिल्ली। तनुश्री दत्ता और नाना पाटेकर मामले के बाद यौन शोषण के खिलाफ एक बार फिर से #MeToo ने जोर पकड़ लिया है. इन कैम्पेन के जरिए महिलाएं अपने साथ अतीत में हुई यौन शोषण की घटनाओं का सोशल मीडिया में खुलासा कर रहीं हैं. भारतीय जनता पार्टी के सांसद उदित राज ने भी इस कैंपेन को लेकर टिप्पणी की है.
एएनआई से बात करते हुए उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा, ‘कुछ महिलाएं जानबूझकर पुरुषों पर ऐसे आरोप लगाती हैं. उसके बाद उनसे 2-4 लाख रुपये ऐंठकर दूसरे पुरुषों को इसके लिए चुनती हैं. उन्होंने कहा कि मैं स्वीकार करता हूं कि ये पुरुष का प्राकृतिक स्वभाव है, लेकिन ये सवाल है कि क्या इसमें महिलाएं निपुण नहीं हैं? क्या वो इसका दुरुपयोग नहीं कर रहीं हैं? उन्होंने कहा महिलाओं के ऐसा करने से पुरुषों की जिंदगी बर्बाद हो रही है #MeTo.’
बीजेपी से सांसद उदित राज ने ट्वीट कर इस कैंपेनिंग को लेकर अपनी टिप्पणी की. अपने ट्विटर आकंउट पर उन्होंने ट्वीट किया है कि ‘#MeTo कैम्पेन जरूरी है, लेकिन किसी व्यक्ति पर 10 साल बाद यौन शोषण का आरोप लगाने का क्या मतलब है? इतने सालों बाद ऐसे मामले की सत्यता की जांच कैसे हो सकेगा? जिस व्यक्ति पर झूठा आरोप लगा दिया जाएगा उसकी छवि का कितना बड़ा नुकसान होगा. ये सोचने वाली बात है. गलत प्रथा की शुरुआत है. #MeTo’