ब्रहमकुमारी विश्वविद्यालय शाखा का आयोजन
केबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने दिखाई हरी झंडी
धर्मेन्द्र यादव
फरीदाबाद : देश व प्रदेश के लोगों में आपसी संबधों को लेकर बढ रही टकरार और रिश्तों में आा रही खटास में मिठास भरने के लिये आज फरीदाबाद की ईश्वरीय ब्रहमकुमारी विश्वविद्यालय शाखा द्वारा विश्व सदभावना दौड का आयोजन किया गया, जिसमें केबिनेट मंत्री विपुल गोयल सहित शहर के सैंकडों हिन्दु, मुस्लिम, सिख , ईसाई धर्मो के लोगों ले हिस्सा लिया। दौड से पूर्व भाग दौड भरी जिंदगी के कारण लोगों को बढ रहे मानसिक तनाव से मुक्त करने के लिये तनाव मुक्ति एवं मेडिटेशन अनुभूति शिविर का आयोजन किया, जिसमें तनाव मुक्त रहने के उपाय बताये।
बदलते समय के अनुसार दिन प्रतिदिन लोगों के संबंधों में भी बदलाव आ रहा है . आयेदिन एक दूसरे के साथ टकरार की खबरें सुनने को मिलती है. कच्चे धागों से जुडे हुए रिश्ते भी अब टूटते हुए नजर आ रहे हैं. इसको लेकर लोगों की जिंदगी में खटास भर चुकी है. इसी खटास को फिर से मिठास में बदलने के लिये फरीदाबाद की ईश्वरीय ब्रहमकुमारी विश्वविद्यालय शाखा ने एक सार्थक कदम उठाया है। ब्रहमकुमारी के अनुयायियों ने आज एनआईटी में विश्व सदभावना दौड का आयोजन किया. इसमें मुख्यअतिथि के रूप में पहुंचे भाजपा सरकार में केबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने एकता के लिये दौडी जा रही दौड को हरी झंडी दिखाई.
दौड में शहर के हिन्दु, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्मों के सैंकडों लोगों ने हिस्सा लिया और हाथों में जलती मसाल लेकर सदभावना बनाये रखने का संदेश दिया। दौड से पूर्व ब्रहमकुमारीज द्वारा तनाव मुक्ति एवं मेडिटेशन अनुभूति शिविर का आयोजन भी किया गया जिसमें आधुनिक युग की भाग दौड भरी जिंदगी के कारण लोगों में बढ रहे मानसिक तनाव से मुक्त रहने के उपाय बताये।
इस सदभावना दौड में मुख्यअतिथि के रूप में मौजूद रहे केबिनेट मंत्री विपुल गोयल कहा कि आज उन्हें बहुत खुशी है कि उनके शहर से ब्रहमकुमारीज द्वारा सदभावना के लिये सार्थक कदम उठाये जा रहे हैं जिसके लिये वो ब्रहमकुमारीज को बधाई देते हैं, और चाहते हैं कि आज की ये दौड केवल दौड ही बनकर न रह जाये लोग इसे अपनी असल जिंदगी में उतारें और आपसी भाईचारे और सौहार्द को बनाये रखें।
वहीं ब्रहमकुमारी कार्यकर्ता पूनम ने बताया कि बदलते परवेश में लोगों संबंधों में आ रही टकरार के चलते उन्होंने ये कार्यक्रम आयोजित किया है, जिसमें हम संदेश दे रहे हैं कि जातिवाद और साप्रादायिक मुद्दों पर आपसी मतभेद छोडें और विश्व में शांति का संदेश दें ताकि लोगों के रिश्तों में फिर से पहले वाली मिठास आ सके।