सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश
नई दिल्ली : बीसीसीआई (BCCI ) को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आदेश जारी कर कहा कि बीसीसीआई शीघ्र लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को मानने का एफिडेविट कोर्ट में पेश करे. साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि लोढा पैनल एक स्वतंत्र ऑडिटर नियुक्त करेगा . यह आडिटर बीसीसीआई के सभी ठेकों की जांच करेगा.
राज्य क्रिकेट बोर्डों को फंड जारी करने पर भी रोक
शुक्रवार कि सुनवाई में कोर्ट ने बीसीसीआई पर राज्य क्रिकेट बोर्डों को फंड जारी करने पर भी रोक लगा दी. कोर्ट ने कह दिया है कि बोर्ड तब तक फंड जारी नहीं करे जब तक राज्य के सभी बोर्ड लोढा समिति की सिफारिशों को लागू करने संबंधी एफिडेविट नहीं पेश कर दे .
अनुराग ठाकुर 3 दिसंबर को देंगे हलफनामा
खबर है कि बीसीसीआई प्रमुख अनुराग ठाकुर अब 3 दिसंबर को कोर्ट में इस संबंध में अपना हलफनामा देंगे. इस मामले की अगली सुनवाई अब 5 दिसंबर को होगी.
जाहिर है लोढ़ा पैनल अब बीसीसीआई के लिए स्वतंत्र ऑडिटर नियुक्त करेगा . यह ऑडिटर ही BCCI के सारे ठेके की निगरानी करेगा.सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया कि BCCI चेयरमैन हलफनामें में बताएंगे कि 18 जुलाई के आदेश का अक्षरशः पालन करेंगे. इससे पहले वह लोढा पैनल को यह भी बताएंगे कि रिफॉर्म किस तरह करेंगे.
कोर्ट के आदेशों में रुकावट पैदा करने के आरोप
उल्लेखनीय है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रखा लिया था. तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि BCCI के पदाधिकारी लगातार कोर्ट के आदेशों में रुकावट पैदा कर रहे हैं. लोढा पैनल का भी यही आकलन है कि BCCI सिफारिशों को लागू नहीं करना चाहता, इसलिए वर्तमान पदाधिकारियों को हटा देना चाहिए.
गत 17 अगस्त को सुनवाई के दौरान इस मामले में कोर्ट की ओर से नियुक्त एमिकस क्यूरी गोपाल सुब्रमण्यम ने भी बीसीसीआई का काम देखने के लिए प्रशासकों की नियुक्ति की सिफारिश की थी. सुब्रमण्यम ने साफ कहा था कि बीसीसीआई के अधिकारियों के रवैये से लगता है कि वह सुधार को टालना चाहते हैं. ये सिविल और आपराधिक अवमानना का केस है.