सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक
नई दिल्ली : ‘सूचना का अधिकार कार्यकर्ता सोशल वेलफेयर सोसाइटी‘ का प्रतिनिधित्व करने वाले आरटीआई कार्यकर्ताओं के एक समूह ने केंद्रीय पूर्वोत्तर विकास क्षेत्र (डोनर) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से मुलाकात की और नागरिकों के सूचना के अधिकारों तथा अन्य संबंधित मुद्वों पर चर्चा की।
बैठक के दौरान, डॉ. जितेंद्र सिंह ने मीडिया के एक हिस्से में सूचना का अधिकार को खत्म करने या नियंत्रित करने की श्री नरेन्द्र मोदी सरकार के किसी कदम को लेकर आ रही आशंकाओं एवं भय को निराधार बताया।
उन्होंने कहा कि इसके विपरीत सरकार ने पिछले चार वर्षों के दौरान अधिक जवाबदेही एवं पारदर्शिता के साथ शासन में नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने के सिद्धांत पर कार्य किया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस सरकार के शासन काल के दौरान ही केंद्रीय सूचना आयोग के सभी 11 रिक्त पदों को भरने का प्रयास किया जबकि इससे पहले केंद्रीय सूचना आयोग केवल तीन या चार सदस्यों के साथ ही कार्य करता रहा है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले चार वर्षों के दौरान 2000 के लगभग के अधिकांश सार्वजनिक प्राधिकरणों को सूचना का अधिकार अधिनियम के अधिकार क्षेत्र के तहत लाया गया है जबकि पहले ऐसा नहीं था।