चण्डीगढ, 21 मई : हरियाणा में वैक्टर जनित रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए राज्य के सभी तालाबों में गमबुजि़आ मछली को छोडा जायेगा ताकि वे मच्छरों के लारवा को पनपनें न दें। यह जानकारी आज यहां हरियाणा के मुख्य सचिव डी एस ढेसी ने वैक्टर जनित रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
उन्होंने बताया कि वैक्टर जनित रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण करने के उद्देश्य से सभी जिला वार्डो एवं गांवों के लिए हस्त चलित फोगिंग मशीनों की खरीद भी की जायेगी। मुख्य सचिव ने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों एवं जिला अधिकारियों को फोगिंग मशीनों के अन्तराल को समाप्त करने के लिए मशीनों की आवश्यकता कार्यालय को बताने के निर्देश दिये ।उन्होंने आगामी 15 दिन में जैम र्पोटल के माध्यम से फोगिंग मशीनों के निर्देश भी दिये।
उन्हें बताया गया कि जिला मुख्यालय पर कम से एक वाहन के ऊपर फोगिंग मशीन स्थापित की जाएगी और फोगिंग से संबन्धित दवाई एवं फोगिंग कलेंडर को स्वास्थ्य विभाग द्वारा मुहैया करवाया जाएगा।
बैठक में बताया गया कि वैक्टर जनित रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए शहरी स्थानीय निकाय, पंचायती राज विभाग तथा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण समेत विभिन्न विभागों द्वारा अभियान चलाये जायेंगे। इसके अलावा, जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरे प्रदेश को पानी के पाइपों की लीकेज से फ्री किया जाएगा ताकि इसके कारण इकठ्ठा हुए पानी में मच्छरों को पनपने से रोका जा सके। इस अवसर पर बताया गया कि रोगों की रोकथाम के लिए नाईट स्वीपींग(रात के समय सफाई),पानी में क्लोरीन की मात्रा की प्रतिदिन जांच बूस्टर पम्पों पर,सीवरेज की सफाई , कूडे का पृथक्करण एवं मुख्य तौर पर मार्किट क्षेत्र में ड्रेनज़ की सफाई का कार्य किया जायेगा।
बैठक में मत्सय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी के महापात्रा, बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी के दास, स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव श्री आर आर जोवल, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल,शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रधान सचिव श्री आनंद मोहन शरण, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सतीश अग्रवाल सहित अनेक विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
क्रमांक-2018