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: ईलाज के लिए बच्चों को पुन्हाना सीएचसी में कराया गया भर्ती
: डाक्टरों ने सभी बच्चों को खतरे से बाहर बताया
: पिछली साल भी सिंहरी-सिंगलहेडी स्कूल में दवाई पीने से दर्जन भर बच्चे बीमार हो गऐ थे
यूनुस अलवी

सिंहरी निवासी खैरूनी, जगवती, हाकम व बन्नों अभिभावकों ने बताया कि रोज की तरह ही उनके बच्चें पढऩे के लिए सिंगलहेडी गांव के सरकारी स्कूल में गए थे। स्कूल में डाक्टरों ने बच्चों के टीके लगाए गए थे। टीके लगने के बाद से ही बच्चों की तबियत खराब होने लगी। कुछ देर बाद ही उनको उल्टी होने लगी और वे बेहोश हो गए। जिसके बाद उन्हें पुन्हाना सीएचसी में ईलाज के लिए लाया गया। उन्होंने बताया कि बच्चों को घर से खिला-पिलाकर भेजा गया था, जो टीका लडने के कारण बीमार हो गए। डाक्टरों का कहना है कि ईलाज के लिए जो भी बच्चें अस्पताल में आए थे वो टीकों के चलते नहीं बल्कि शारीरिक कमजोरी व टीकों से खबराने के चलते बीमार हुए हैं। बच्चों को जो टीके लगाए जा रहे हैं वो खसरा व रूबेला जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए लगाए जा रहे हैं। टीकों से किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं होती है। ये टीके पूरी तरह से सुरक्षित हैं। 

आप को बता दें कि गत वर्ष भी पेट के कीडे मारने की गोली खाने से एक दर्जन बच्चे बिमार हो गऐ थे। जिसकी वजह ग्रामीणो ने प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध जताया था।
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डा. रजनीकांत, सीएचसी पुन्हाना :
बीमार हुए सभी बच्चों का ईलाज किया गया है। सभी बच्चें किसी भी खतरे से बाहर हैं। भ्रम में आकर लोग बच्चों के बीमार होने के कारण खसरा व रूबेला के टीकों का मान रहे हैं, जबकि कमजोरी व घबराहट के चलते बच्चें बीमार हुए हैं। अफवाहों पर ध्यान न देकर सभी अपने-अपने बच्चों का टीकाकरण कराएं।