वाराणसी : मीडिया की खबर के अनुसार हिन्दुओ की आस्था का केंद्र काशी विश्वनाथ मंदिर समेत कई प्रमुख मंदिरों को बम से उड़ाने की धमकी देने वाली सूचना का खुलासा होने से यूपी ही नहीं देश में भी हडक़ंप मच गया है। खबर है कि रविवार को धमकी भरा पत्र सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश प्रशासन ने मंदिर परिसर की सुरक्षा कड़ी कर दी है। अति प्राचीन इस मंदिर में सभी धर्मों के अनुयायी पूजा अर्चना के लिए आते हैं.
खबर में कहा गया है कि मथुरा के मालगोदाम रोड पर जीआरपी बैरक की दीवार पर चार धमकी भरे पत्र चिपकाए देखे गए। बैरक के पास सुबह एक दूधवाले ने दीवार पर पत्र देखकर तत्काल इसकी सूचना जीआरपी के अधिकारियों को दी। यहाँ चिपकाए गए एक पत्र में लिखा था कि 12 मई को काशी विश्वनाथ मंदिर को और 13 मई को मथुरा, वृंदावन, गोरखपुर और अयोध्या के मंदिरों को बम से उड़ा दिया जाएगा।
इस प्रकार की सूचना मिलने का बाद एसपी ज्ञानवापी शैलेंद्र राय ने दावा किया है कि धमकी भरे पत्र के बारे में जानकारी मिलने पर काशी विश्वनाथ परिसर के रेड जोन में तैनात पुलिस, पीएसी और सीआरपीएफ के जवानों सतर्क कर दिया गया है. सुरक्षा बालों को मंदिर परिसर के आस पास विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है।
दूसरी तरफ संकेत है कि खुफिया विभाग ऐसे शरारती तत्वों और संदिग्धों पर नजर बनाये हुए है जो ऐसी घटनाओं में संलिप्त हो सकते हैं. इसके साथ ही ललिता घाट स्थित पशुपतिनाथ मंदिर की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस ने इस मामले में लोगों से भी मदद मांगी है . पुलिस ने कहा है कि किसी भी प्रकार के संदिग्ध दिखाई देने पर तत्काल पुलिस को सूचित करें.
उल्लेखनीय है कि ऐतिहासिक काशी विश्वनाथ मंदिर विवाद को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट एक याचिका दायर की गयी है जिस पर सुनवाई 10 मई को होगी। जस्टिस संगीता चंद्रा की कोर्ट में इस पर सुनवाई होगी । बताया जाता है कि उक्त याचिका में काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट और अंजुमन इस्लामिया वाराणसी के बीच मुकदमे में 1947 की स्थिति बहाल रखने एवं एक अंश ही मस्जिद रखने, शेष मंदिर के उपयोग में रहने के एडीजे वाराणसी के 23 सितम्बर 1998 और 10 अक्टूबर 1997 के आदेश को सुन्नी सेन्ट्रल बोर्ड ने चुनौती दी है।