मेवात के नगीना गांव में पोलियों का संदिग्ध मामला मिला

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ख़ास खबर 

: डब्ल्यू एच ओ और स्वास्थ्य विभाग में मचा हडकंप

: मेवात, पलवल और फरीदाबाद जिलों में ढाई साल में  संदिग्ध पोलियों के करीब 915 मामले सामने आऐ

: वर्ष 2010 में मेवात में आखरी पोलियो का मामला सामने आया था

यूनुस अलवी

 
मेवात  :  भले ही भारत देश पोलियो मुक्त देश बन चुका है लेकिन हर साल देश में संदिग्ध पोलियो के मिल रहे हजारों मामलों ने डब्ल्यू एच ओ और स्वास्थ्य विभाग की नींद उडा दी है। ढाई साल में  मेवात, पलवल और फरीदाबाद जिलों में करीब 915 पोलियों के संदिग्ध मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में नूंह जिला के कस्बा नगीना में भी तीन दिन पहले एक आठ माह के बच्चे को भी संदिग्ध पोलियो मिला है। डब्ल्यू एच ओ और स्वास्थ्य विभाग बच्चे के खून, टूल आदि के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज रहा है। वहीं पोलियों का मेवात में वर्ष 2010 में बीसरू गांव और जनवरी 2011 में पक्षिम बंगाल में आखरी मामला सामने आया था। उसके तीन साल बाद भारत को डब्ल्यूएचओ ने पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया था।
  प्राप्त जानकारी के अनुसार पुन्हाना खंड के गांव बिछौर निवासी शहनाज जो नगीना कस्बा में बिहाई है। शहनाज ने बताया कि उसके लडका आहिल की आयू आठ माह है। उसकी डिलेवरी नगीना के अल-आफिया जनरल अस्पताल में हुई थी। शहनाज का कहना है कि करीब चार महिना पहले उसके बेटे आहिल को आशा वर्कर स्वाथ्य विभाग की टीम ने टीका लगाया था और दवाई पिलाई थी। अब करीब एक सप्ताह पहले उसके बेटे के बायां पैर में पोलियो हो गया। उसने कई डाक्टरों को दिखाया लेकिन अभी तक कोई फायदा नहीं हुआ।
  
क्या कहते हैं डब्ल्यू एचओ के अधिकरी
 डब्ल्यू एचओ के मेवात, पलवल एंव फरीदाबाद प्रभारी एंव एसएमओ डाक्टर संजीव तंवर ने बताया कि भारत देश कई साल पहले पोलियो मुक्त हो चुका है। मेवात के गांव बीसरू में आखरी बार वर्ष 2010 में और पश्चिम बंगाल में जनवरी 2011 में पोलियो का आखरी कैस मिला था। उन्होने बताया कि उसके बाद पोलियो का एक भी कैस नहीं मिला लेकिन संदिग्ध सैंकडों की संख्या में मिल जाते हैं। वर्ष 2016 से अप्रैल 2018 तक मेवात, पलवल और फरीदाबाद जिलों में करीब 915 संदिग्ध पोलियो के मामले सामने आऐ हैं। जिनकी जांच हिमाचल प्रदेश के कसौली स्थित लैब में जांच कराई गई। जिनमें एक भी मामला पोजिटिव नहीं मिला। जो भी संदिग्ध मामले आते हैं उनकी जांच कराई जाती है। आहिल पुत्र इंसुब निवासी नगीना के टूल, बल्ड आदि सैंपल लेकर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा जाऐगा। उसके बाद ही पता चल सकेगा की आहिल को पोलियो है या नहीं। वहीं डाक्टर तंवर ने माना की आहिल को जो लक्ष्ण मिले हैं वे पोलियो के हैं लेकिन जांच के बगैर उनकी पुष्टि नहीं की जा सकी है।
 
पिछले ढाई साल में कहां-कहां कितने मामले सामने आऐ
 
जिला       वर्ष 2016  वर्ष 2017  वर्ष 2018     कुुुुल संदिग्ध मामले
नूंह          160         150        50            360
पलवल      104          76        30            210
फरीदाबाद   170         140        35            345
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 कुल         434        366        115           915
                                 नोट-आंकडे सोर्स डब्ल्यूएचओ मेवात

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