नगर निगम गुरूग्राम के सफाई कर्मियों ने ली स्वच्छता की शपथ

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गुरूग्राम, 21 अप्रैल। हरियाणा सरकार द्वारा 18 अप्रैल से शुरू किए गए स्वच्छता अभियान पर आधारित ‘शहरी स्वराज अभियान’ के चौथे दिन आज नगर निगम गुरूग्राम के सफाई कर्मचारियों ने स्वच्छता बनाए रखने की शपथ ली। 

    स्थानीय भीमनगर स्थित रैन-बसेरा में आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ सफाई निरीक्षक ऋषि वशिष्ठ तथा प्रोजैक्ट इंप्लीमैंट यूनिट की सिटी लीडर नीतू सिन्हा ने स्वच्छता में और अधिक बेहतरी करने के लिए सफाई कर्मचारियों से सुझाव लिए। श्री मलिक ने सफाई कर्मचारियों की शिकायतें एवं समस्याएं सुनी तथा जल्द से जल्द समाधान करने की बात कही। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारी शहर की सफाई के लिए प्रात:काल से कार्य शुरू करते हैं और सांयकाल तक अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं। ऐसे में सफाईकर्मियों को किसी प्रकार की समस्या ना हो, इस बारे में उच्च अधिकारियों से बात की जाएगी और सभी शिकायतों एवं समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
   

 

उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार द्वारा 18 अप्रैल से 5 मई तक शहरी स्वराज अभियान चलाया जा रहा है, जो स्वच्छता पर आधारित है। प्रत्येक दिन स्वच्छता से संबंधित अलग-अलग गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। सफाई कर्मचारियों को कचरा कम करने, कचरे का पुन: उपयोग करने तथा रिसाइकिल करने के बारे भी जानकारी दी गई। सभी नागरिक कचरे को कम करने के लिए खरीददारी करते समय पुन: उपयोग में आने वाले थैले का उपयोग करें। घर में पौछा लगाने के लिए पुराने कपड़ों का उपयोग किया जा सकता है।

 

इसके साथ ही हाथों को पौंछने के लिए टिशू पेपर की बजाए रूमाल का उपयोग करें। छोटे बच्चों के लिए कपड़े डाईपर का उपयोग करें तथा जन्मदिन या अन्य उत्सवों पर कपड़े के थैले उपहार में दें। छोटी पैकिंग की वस्तुओं की खरीददारी करने की बजाए संभव हो तो थोक आदि में सामान खरीदें। जूस आदि की खरीददारी के समय टटरा पैक के उत्पादों से बचें। घर में खाने को ढक़ने के लिए प्लास्टिक रैप या पेपर रैप की बजाए कांच की प्लेटों का इस्तेमाल करें। बची हुई खाने की वस्तुओं को प्लास्टिक की बजाए कांच या स्टील के बर्तनों में रखें। 

    इसके साथ ही पुराने कागजों को बच्चों की कॉपियों पर रैपर चढ़ाने के लिए उपयोग कर सकते हैं। बचे हुए खाने और फल-सब्जी के छिलकों से खाद बना सकते हैं तथा प्लास्टिक के बचे हुए डिब्बों आदि को पौधे लगाने में उपयोग किया जा सकता है। गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग करके सफाई कर्मचारी को दें तथा रद्दी अखबारों, पेपरों को कूड़े में ना फैंकें, बल्कि उन्हें कबाड़ी को बेच दें, ताकि उनको रिसाइकिल किया जा सके। इसी प्रकार प्लास्टिक की वस्तुओं को भी कूड़े में फैंकने की बजाए इन्ें बेच दें। इस प्रकार छोटी-छोटी आदतों से हम कचरे को कम, पुन: उपयोग और रिसाइकिल करने में अपना योगदान दे सकते हैं।
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