नई दिल्ली । मीडिया की खबरों के अनुसार दिल्ली पुलिस ने सीबीएसई पेपर लीक मामले में तत्परता दिखाते हुए तीन स्कूलों के एक प्रिंसिपल और 6 टीचरों पर अपना शिकंजा कस दिया है. खबर है कि पुलिस की ओर से गूगल से पूछे गए सवालों के जवाब मिल गए हैं. गूगल के जवाब के तत्काल बाद जांच में जुटी दिल्ली पुलिस की टीम ने उस व्यक्ति की पहचान स्थापित कर ली है, जिसने ईमेल भेजने का दुस्साहस किया था।
बताया जाता है कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा जिन लोगों की पहचान की गयी है वे सभी दिल्ली के बवाना के तीन स्कूलों के एक प्रिंसिपल और 6 टीचर हैं. सूत्रों का कहना है कि इन लोगों पर सीबीएसई बोर्ड पेपर को वॉट्सऐप पर डालने का आरोप है। सभी से पुलिस ने शनिवार देर रात तक पूछताछ की है।
खबर है कि उन लोगों ने 12वीं का इकनॉमिक्स का प्रश्न पत्र का पैकेट अपने स्कूल के स्टूडेंट्स के सामने एग्जाम हॉल में समय से 75 मिनट पहले ही खोल दिया था। यह परीक्षा गत 26 अप्रैल को हुई थी । खबर यह भी है कि सोनीपत का रहने वाला एक सीबीएसई कर्मचारी भी इस मामले में एस आई टी जांच के दायरे में है। बताया जाता है कि इसके पेपर के दो सेट की सुरक्षा की जिम्मेदारी थी। कहा जा रहा है कि जो पेपर लीक हुए हैं उसका एरिया कोड उन पेपर्स से मैच हो रहा है, जिनकी जिम्मेदारी इस कर्मचारी के पास थी।
इस मामले में दिल्ली पुलिस के हाथ अब महतवपूर्ण सुराग मिलने का दावा किया जा रहा है क्योंकि सीबीएसई चेयरमैन को भेजे गए ईमेल के बारे में भी गूगल ने पुलिस को सभी जानकारी दे दी है।
दूसरी तरफ यह चर्चा जोरों पर है कि 10वीं क्लास के एक छात्र ने अपने पिता की मेल आईडी से सीबीएसई चेयरमैन को वॉट्सऐप पर चल रहे प्रश्न पत्र की स्कैन की गई कॉपी भेजी थी। इस बच्चे के पिता देव नारायण से पुलिस ने संपर्क किया है। पुलिस उससे भी पूछताछ करेगी . इस मामले में पुलिस अब तक 60 से अधिक लोगों से पूछताछ कर चुकी है जिनमें 53 छात्र शामिल हैं।
दूसरी तरफ इस मामले में झारखंड पुलिस ने चतरा से 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके लाव 9 नाबालिग छात्र भी पुलिस की गिरफ्त में जो 10वीं की गणित परीक्षा में हल किये प्रश्न पत्र के साथ परीक्षा में बैठे थे।