नई दिल्ली। मीडिया की खबर के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद पर प्रतिहमला करते हुए कहा है कि वह झूठी खबर फैला रहे हैं । उन्होंने आरोप लगाया है कि देश की विधिक प्रणाली का पतन हो रहा है। दूसरी तरफ कानून मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष पर पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस की अगुवाई में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार से लंबित मुकदमे विरासत में मिली है। उन्होंने सवाल किया कि क्या वह विवादित कंपनी कैंब्रिज एनैलिटिका को भेजे गए नोटिस से परेशान हैं।
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा, ‘‘लंबित मुकदमों से विधिक प्रणाली समाप्त हो रही हैै।’’ उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में 55,000 से अधिक मामले लंबित हैं और 37 लाख से अधिक मामले विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित है जबकि निचली अदालतों में लंबित मुकदमों की संख्या 2.6 करोड़ से अधिक है। गांधी ने कहा, ‘‘फिर भी, उच्च न्यायालयों में 400 और निचली अदालों में 6,000 न्यायाधीशों के पदों पर नियुक्ति नहीं होना विस्मयकारी है। केन्द्रीय कानून मंत्री झूठी खबरें फैलाने में मग्न हैं।’’
इस पर जवाब देते हुए प्रसाद ने ट्वीट कर कहा कि लंबित मुकदमे कांग्रेस की विरासत है। उन्होंने कहा, ‘‘श्रीमान राहुल गांधी लंबित मामले यूपीए के 10 साल के शासन की विरासत है जो हमें मिला है जब न्यायिक अवसंरचनाओं का विकास सबसे कम प्राथमिकता में आता था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम ज्यादा से ज्यादा अवसंरचना तैयार करके और मामलों के निपटान में अधिक से अधिक डिजिटलीकरण और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग का इस्तेमाल करके स्थिति में सुधार कर रहे हैं।’’
उन्होंने बतया कि 2016 में उच्च न्यायालयों में 126 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है जोकि आजादी के बाद महज एक साल में न्यायाधीशों की सबसे ज्यादा नियुक्ति एक कीर्तिमान है। प्रसाद ने बताया कि 2014 में सत्ता में आने के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में 17 और उच्च न्यायालयों में 326 न्यायाधीशों की नियुक्ति की।