नई दिल्ली /क्वेटा : पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बन रहे चीन-पाकिस्तान आर्थिक कोरिडोर का विरोध अब तेज होने लगा है. खबर है कि क्वेटा के नजदीक वहां के नागरिकों ने रविवार को चीन की इस परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आजादी की मांग कर रहे थे. उन्होंने पाक व चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
उल्लेखनीय है कि चीन और पाकिस्तान पश्चिमी इलाके में एक आर्थिक कोरिडोर का निर्माण कर रहा है. यह परियोजना का अधिकांश हिस्सा गिलगिट, बालटिस्तान और बलूचिस्तान में ही पड़ता है. इस संयुक्त निर्माण का बलूच शुरू से विरोध कर रहे हैं.
बलूचिस्तान कि जनता पाकिस्तान से आजादी चाहती है. वे लंबे वक्त से आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं . गौरतलब है कि पाकिस्तान ने करीब 70 साल पहले बलूचिस्तान पर अपना कब्जा जमा लिया था. बताया जाता है कि आजादी के इस संघर्ष में अब तक 50,000 से भी अधिक बलूच लोगों को पाकिस्तानी सेना ने मौत के घाट उतर दिया है.
बलूच नेता पाकिस्तानी सुरक्षाबलों कि ओर से किये जा रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उजागर करते रहे हैं. अब उन्हें भारत का साथ पह्लिम बार मिला है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पहली बार बलूचिस्तान का मुद्दा उठा कर पाकिस्तान की सरकार की मानवाधिकार उल्लंघन की करतूतों को उजागर किया है. इससे बलूचों कि आवाज बुलंद हुयी है.