दिसंबर, 2017 में औद्योगिक विकास दर 7.1 फीसदी रही

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नई दिल्ली : दिसंबर, 2017 में औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक (आईआईपी) 130.3 अंक रहा, जो दिसंबर, 2016 के मुकाबले 7.1 फीसदी ज्‍यादा है। इसका मतलब यही है कि दिसंबर, 2017 में औद्योगिक विकास दर 7.1 फीसदी रही। इसी तरह अप्रैल- दिसंबर, 2017 में औद्योगिक विकास दर पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 3.7 फीसदी आंकी गई है।

सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्‍वयन मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा दिसंबर, 2017 के लिए जारी किये गये औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक के त्‍वरित आकलन (आधार वर्ष 2011-12=100) से उपर्युक्‍त जानकारी मिली है। 14 स्रोत एजेंसियों से प्राप्‍त आंकड़ों के आधार पर आईआईपी का आकलन किया जाता है। औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी), केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और उर्वरक विभाग भी इन एजेंसियों में शामिल हैं।

दिसंबर, 2017 में खनन, विनिर्माण (मैन्‍युफैक्‍चरिंग) एवं बिजली क्षेत्रों की उत्‍पादन वृद्धि दर दिसंबर, 2016 के मुकाबले क्रमश: 1.2 फीसदी, 8.4 फीसदी तथा 4.4 फीसदी रही। इसी तरह अप्रैल- दिसंबर 2017 में इन तीनों क्षेत्रों यानी सेक्‍टरों की उत्‍पादन वृद्धि दर पिछले वित्‍त वर्ष की समान अवधि की तुलना में क्रमश: 2.8, 3.8 तथा 5.1 फीसदी आंकी गई है।

उपयोग आधारित वर्गीकरण के अनुसार दिसंबर, 2017 में प्राथमिक वस्‍तुओं (प्राइमरी गुड्स), पूंजीगत सामान, मध्‍यवर्ती वस्‍तुओं एवं बुनियादी ढांचागत/निर्माण वस्‍तुओं की उत्‍पादन वृद्धि दर दिसंबर, 2016 की तुलना में क्रमश: 3.7 फीसदी, 16.4 फीसदी, 6.2 फीसदी और 6.7 फीसदी रही। जहां तक टिकाऊ उपभोक्‍ता सामान का सवाल है, इनकी उत्‍पादन वृद्धि दर दिसंबर, 2017 में 0.9 फीसदी रही है। वहीं, गैर-टिकाऊ उपभोक्‍ता सामान की उत्‍पादन वृद्धि दर दिसंबर, 2017 में 16.5 फीसदी रही।

इस दौरान उच्‍च धनात्‍मक उत्‍पादन वृद्धि दर दर्ज करने वाली कुछ महत्‍वपूर्ण वस्‍तुओं में ट्रकों की बॉडी, लॉरी एवं ट्रेलर (254.1%), एपीआई और एंटी-हाइपर-ट्राइग्लिसराइडेमिक्स (जैसे सिमवास्टाटिन, एटोरवास्टाटिन, आदि) सहित हाइपो-लिपिडेमिक एजेंट, उच्च रक्तचाप-रोधी (250.4 प्रतिशत) जहाज निर्माण और उसके कलपुर्जे’ (144.1%), पाचन एंजाइम और एंटासिड (पीपीआई ड्रग्स) सहित (88.4%), ‘मीटर (बिजली और गैर-बिजली)’ (77.1%), ‘डिकंटर अपकेंद्रित्र सहित विभाजक’ (67.8%), ‘धुरा’ (48.7%), वाणिज्यिक वाहन (40.6 प्रतिशत), दोपहिया वाहन (मोटरसाइकिल/स्‍कूटर) (36.0 प्रतिशत) और सीमेंट-सभी प्रकार (20.4 प्रतिशत) शामिल हैं।

इस दौरान उच्‍च ऋणात्‍मक उत्‍पादन वृद्धि दर दर्ज करने वाली कुछ महत्‍वपूर्ण वस्‍तुओं में इलेक्‍ट्रि‍क हीटर (-) 91.8%, स्‍वर्ण आभूषण ((नगीना जडि़त हो या ना हो) (-) 72.1%, अन्‍य तम्‍बाकू उत्‍पाद (-) 50.0%, प्लास्टिक जार, बोतलें एवं कंटेनर (-) 38.1%, एचडीपीई/एलडीपीई (प्लास्टिक) के बैग/पाउच (-) 35.6%, पैकिंग/क्लोज़िंग/बॉटलिंग सामान के प्‍लास्टिक पुर्जे एवं विद्युत फिटिंग (-) 28.3%, न्‍यूजप्रिंट को छोड़ सभी तरह के कागज (-) 26.8%, टेलीफोन एव मोबाइल उपकरण (-) 25.7% और सिले-सिलाए परिधान, बुने हुए (-) 22.5% भी शामिल हैं।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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