गुरुग्राम/1 फरवरी। केंद्रीय बजट के बाद चौतरफा प्रतिक्रिया शुरू है। 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले आखिरी पूर्णकालीक बजट में खासकर नौकरी-पेशा वाले आयकर दरों में छूट की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन उन्हें निराशा हुई है। मारुति कामगार यूनियन के महासचिव कुलदीप जांघू ने बजट पर निराशा जताते हुए कहा कि कर्मचारियों के लिए यह बेहद अफसोस वाला बजट है। कर्मचारियों को एक तरफ तो महंगाई से बचत जाती रही है, आयकर स्लैब में बदलाव नहीं होने से परेशानी और बढ़ गई है।
कुलदीप ने कहा कि सरकार को इस बजट में कम से कम इनकम टैक्स स्लैब को पांच लाख तक टैक्स दायरे से बाहर करना चाहिए था। तभी नौकरी-पेशा वाले कर्मचारियों को कुछ राहत मिलती। महंगाई के चलते बजट तो पहले से ही बिगड़ा हुआ है लेकिन अब परेशानी और बढ़ जाएगी।
जांघू ने कहा कि, बजट में ट्रांसपोर्ट अलाउंस और मेडिकल बिलों के बदले 40 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन की जो छूट दी गई है, उसका कोई मतलब नहीं है। जबकि एक फीसद अतिरिक्त सेस लगाकर और लूट लिया है।
कुलदीप ने कहा कि इस बजट से महंगाई बढ़ेगी। किसानों को डेढ़ गुना दाम देने की घोषणा मात्र से ही बाजार में खाने-पीने की चीजों की कीमतें काफी बढ़ जाएगी। धरातल पर तो किसानों को लाभ भी नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा, बिचौलिए अभी से ही सक्रिय हो गए होंगे। सबसे अधिक परेशानी है कि बाजार पर किसी भी सरकार का कभी कोई नियंत्रण नहीं रहा है। उन्होंने मांग कि की सरकार कर्मचारियों को राहत देने की घोषणा करे।
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