डाकिये व एमटीएस की वर्दी बदल गई

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 संचार मंत्री मनोज सिन्‍हा ने डाकियों/ एमटीएस के लिए नई वर्दी लांच की

 

नई दिल्ली : डाक विभाग ने राष्‍ट्रीय फैशन टेक्‍नोलॉजी संस्‍थान (एनआईएफटी) के परामर्श से डाकियों (पुरुष एवं महिला दोनों ही) एवं एमटीएस संवर्ग की वर्दी फिर से डिजाइन की है। इस वर्दी की फिर से डिजाइन इसकी कार्यक्षमता, आराम एवं स्‍थायित्‍व को ध्‍यान में रखते हुए की गई है।

डाक विभाग को अपने फील्‍ड के कार्यों, जोकि डाकियों द्वारा अंजाम दिया जाता है, के द्वारा विश्वसनीयता एवं सम्‍मान प्राप्‍त होता है। वह विभाग का चेहरा होता है क्‍योंकि वह प्रत्‍येक दरवाजे पर जाकर पत्र एवं पार्सल की प्रदायगी करता है। इसलिए, यह महत्‍वपूर्ण है कि जो वर्दी वह पहनता है, जिसके द्वारा उसकी पहचान विभाग से जुड़ती है, वह ऐसी होनी चाहिए कि वह विशिष्‍ट दिखे। खादी हमारी संस्‍कृति का हिस्‍सा है और देश के सभी क्षेत्रों के लिए आरामदायक है, इसलिए इसे डाकियों की वर्दी के लिए उपयुक्‍त पाया गया।

सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं के अनुसार, सरकार ने प्रति वर्ष 5,000 रुपये वर्दी भत्‍ता देने का निर्णय किया है। सूक्ष्‍म, लघु एवं मझोले उपक्रम मंत्रालय के तहत खादी ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने देश के प्रत्‍येक जिले में अपने विक्रय केंद्रों से डाकियों के लिए वर्दी उपलब्‍ध कराने पर सहमति जताई है।

संचार मंत्री मनोज सिन्‍हा ने नई दिल्‍ली में माननीय एमएसएमई राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) गिरिराज सिंह की उपस्थिति में डाकियों (पुरुष एवं महिला दोनों ही) तथा एमटीएस के लिए नई डिजाइन की गई वर्दी लांच की। नई डिजाइन की गई वर्दी से 90,000 डाकिये, मेल गार्ड, मल्‍टी टास्किंग स्‍टाफ लाभान्वित होंगे।  

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