रविवार को मेवात की सामाजिक संस्था एमवीएस द्वारा नूंह में बैठक आयोजित
पंचायत में पांच प्रस्ताव पारित किये गए
पंचायत ने कहा : मेवात की बदनामी होने और आपसी भाईचारा टूटने से बचा रहे है
यूनुस अलवी
मेवात: अल्लाह के वास्ते गाय का मांस खाना छोड दो जिससे मेवात बदनामी होने और आपसी भाईचारा टूटने से बचा रहे है। इस मांग को लेकर रविवार को मेवात की सामाजिक संस्था एमवीएस द्वारा नूंह में राजनेता, उलेमा, सामाजिक संगठन और हिंदु-मुस्लिम समाज के प्रमुख लोगों की एक बेठक आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता समाजसेवी फरूदीन बेसर ने की और विधायक नसीम अहमद, पूर्व मंत्री आफताब अहमद, पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान, पूर्व विधायक अजमत खां और पूर्व मंत्री आजाद मोहम्मद, भाजपा जिला अध्यक्ष सुरेंदर देशवाल और पुलिस के अधिकारी मौजूद थे।
मेवात विकास सभा के पूर्व अध्यक्ष रमजान चौधरी ने बताया कि पंचायत में पांच प्रस्ताव पारित किऐ गऐ सबसे पहले गोमांग खाने पर पूर्ण पाबंदी लगाई गई और गोतस्करों, गोहत्यारों के खिलाफ मुहिम चलाने और कसाईयों को कटने के लिए गाय बैचने पर पाबंदी लगाई गई। इसके अलावा नेता, उलेमा, सामाजिक संगठन और धार्मिक लोगों की एक सेंट्रल कमेठी गठित की गई। पंचायत में चुने गऐ पंच, सरपंच, नंबरदार और चौकीदार को प्रशासन की ओर से गोहत्या करने वालों की जानकारी प्रशासन तक पहुंचाने के लिए प्रशासन द्वारा पाबंद करने का आदेश दे। मेवात के सभी स्लोटर हाउस बंद किऐ जाऐ और नये लाईसैंस पर रोक लगे और जो दे रखे हैं उनको रद्द किया जाऐगा। पांचवा पंचातय में मीडिया से भी आग्रह किया गया कि वे इस सम्बंध में खबरें तत्थयों पर आधारित ही दें।
इस मौके पर सभी धार्मिक राजनेतिक और सामाजिक लोगों ने पंचायत के फैंसले का स्वागत किया और इसे लागू कराने में अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाने का वादा किया गया। वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष सुरेद्र आर्य ने इसे एक ऐतिहासिक फैंसला बताया। वहीं चौधरी वरूण जैलदार ने कहा कि सर्व धर्म द्वारा 1974 में गाय कटने के लिए कसाईयों को जो पंचायत ने फैंसला किया था उसे लागू किया जाऐगा। ऐसे लोगों का सामाजिक बष्किार होगा। वहीं पूर्व परिवहन मंत्री आफताब अहमद और विधायक नसीम अहमद ने कहा कि वे इसे लागू कराने में अपनी तौर से पूरी कोशिस करेगें। इसके अलावा पूर्व विधायक अजमत खां ने कहा कि अगर गाय बैचनी और गायों की खालें खरीदनी बंद हो जाऐं जो गाय कटनी अपने आप बंद हो जाऐगी। जमीयत उलेमा हिन्द की नार्थ जॉन के सदर मौलाना याहया करीमी ने कहा के जिम काम के करने से दूसरे मजहब के लोगो की आस्था को ठेस पहुंचती है तो भले ही वो काम इस्लाम मे जायज है उसे छोड़ देना चाहिए, ऐसे काम करने ने आपसी भाईचारा बढ़ता है।
इस मौके पर मौलाना शेर मोहम्मद घासेड़ा, दीन मोहम्मद मामलीका, उमर मोहम्मद पाडला, एडवोकेट सलामू, आसिफ अली चंदेनी, ज़ाहिद बाई, डॉ अशफाक आलम, मजलिस एडवोकेट सहित काफी प्रमुख लोग मौजूद थे।