जीएसटी परिषद की 25वीं बैठक में कई नीतिगत बदलावों की अनुशंसा की गई
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज नई दिल्ली में जीएसटी परिषद की 25वीं बैठक की अध्यक्षता की। जीएसटी परिषद द्वारा आज अपनी 25वीं बैठक में कई नीतिगत बदलावों की अनुशंसा की गई है. आज की बैठक से आम आदमी के लिए राहत की खबर आई । जीएसटी परिषद ने 68 चीजों पर जीएसटी की दर को कम कर दिया । खबर है कि 39 चीजों पर लागू जीएसटी दर को 5 प्रतिशत और 12 प्रतिशत कम कर दिया है साथ ही 29 चीजों पर जीएसटी को कम करके शून्य प्रतिशत कर दिया गया है। बताया जाता है कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक 10 दिन बाद आयोजित होगी जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी।
जीएसटी परिषद की 25वीं बैठक में आज लिए गए निर्णय :
फॉर्म जीएसटीआर-1 (आपूर्ति विवरण), फॉर्म जीएसटीआर- 5 (अनिवासी टैक्स योग्य व्यक्ति) अथवा फॉर्म जीएसटीआर- 5ए (ओआईडीएआर) दाखिल करने में विफल रहने पर किसी भी पंजीकृत व्यक्ति द्वारा देय विलंब शुल्क को घटाकर 50 रुपये प्रति दिन किया जा रहा है और यह कोई भी फॉर्म दाखिल न करने वालों के लिए 20 रुपये प्रति दिन होगा।
फॉर्म जीएसटीआर- 6 (इनपुट सेवा वितरक) दाखिल करने में विफल रहने पर देय विलंब शुल्क 50 रुपये प्रति दिन होगा।
स्वैच्छिक पंजीकरण प्राप्त करने वाले कर योग्य लोगों को अब पंजीकरण की प्रभावी तिथि के बाद एक वर्ष की समाप्ति से पहले भी पंजीकरण रद्द करने के लिए आवेदन करने की अनुमति होगी।
जीएसटी प्रणाली अपनाने वाले करदाताओं के लिए पंजीकरण रद्द करने हेतु फॉर्म जीएसटी आरईजी-29 दाखिल करने की अंतिम तिथि तीन माह और बढ़ाकर 31 मार्च 2018 की जा रही है।
ई-वे बिल सृजित, संशोधन एवं रद्द करने की सुविधा प्रायोगिक आधार पर nic.in पोर्टल पर मुहैया कराई जा रही है। इस व्यवस्था के पूरी तरह परिचालन में आ जाने पर ई-वे बिल प्रणाली ewaybillgst.gov.in पोर्टल पर काम करना शुरू कर देगी।
ई-वे बिल से संबंधित नियमों में कुछ विशेष संशोधन किए जा रहे हैं। इन नियमों को 1 फरवरी, 2018 से वस्तुओं की अंतर-राज्य आवाजाही के लिए देशभर में अधिसूचित किया जाना है।
इसी तरह एक विशेष तिथि से राज्य के भीतर वस्तुओं की आवाजाही के लिए भी इन्हें अधिसूचित किया जाना है, जिसकी घोषणा प्रत्येक राज्य द्वारा अलग-अलग की जाएगी, लेकिन यह तिथि 1 जून 2018 से आगे नहीं जाएगी।
हस्तशिल्प पर गठित समिति द्वारा पेश की गई रिपोर्ट और सिफारिशों को भी जीएसटी परिषद द्वारा स्वीकार कर लिया गया।