सीआईडी हैड कांस्टेबल सतीश खन्ना ने दिया ईमानदारी का परिचय

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दुर्घटना में घायलों के करीब पौने छह लाख रूपए सुरक्षित लौटाए

सीआईडी कर्मचारी न दिखाता सजगता तो लाखों रूपए हो सकते थे गायब

सीआईडी हैड कांस्टेबल सतीश खन्ना ने दिया ईमानदारी का परिचय 2 झज्जर, सोनू धनखड़ : शनिवार सुबह गांव चांदपुर के पास एक पिकअप गाड़ी की एक ट्राले के साथ हुई भिड़त के बाद पिकअप में घायल कपड़ा व्यापारियों के गाड़ी में रखे 5 लाख 74 हजार रूपए की राशि घायल के परिजनों को सौंप कर सीआईडी हैड कांस्टेबल सतीश खन्ना ने ईमानदारी का परिचय देते दिया।शनिवार सुबह गांव चांदपुर के पास एक पिकअप गाड़ी की टक्कर ट्राले के साथ हुई थी।

जिसमें जिला अलवर के गांव मुडावर निवासी मूलचंद, अशोक गाड़ी चालक नरेश कुमार को साथ लेकर रोहतक कपड़ा खरीदने जा रहे थे कि अचानक उनकी गाड़ी ट्राले से टकरा गई।जिससे तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए।दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन भी सक्रिय हो गया।

सीआईडी में तैनात सतीश खन्ना ने तत्परता दिखाते हुए घायलों को नागरिक अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करवाया व एंबुलैंस में व्यापारियारें के रखे रूपयों को अवपने कब्जे में लेकर फोन द्वारा घालयों के परिजनों से संपर्क करके घायलों की स्थिति व रूपयों के संबंध में जानकारी दी।दुर्घटना के करीब तीन घंटे के बाद घायलों के परिजन झज्जर नागरिक अस्पताल पहुंचे ओर सतीश खन्ना ने परिजनों को 5 लाख 74 हजार रूपए लौटा दिए।परिजनों ने जब ईनाम के रूप में कुछ राशि सतीश खन्ना को देनी चाही तो सतीश खन्ना ने यह कहते हुए रूपए लेने से इंकार कर दिया कि कत्र्तव्य की कोई कीमत नही होती है।

 

गौरतलब है कि इससे पहले साी सतीश खन्ना कई बार अपनी बहादुरी का परिचय दे चुके है।वर्ष 2016 में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के समय भी अपनी सूझबूझ के चलते करोड़ों रूपए की संपत्ति जलने से बचा चुके है।आंदोलन के समय जाट धर्मशाला में कई लोग भी फंसें थे, जिन्हें सतीश खन्ना की सूझबूझ के चलते बचाया गया था ।

 

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