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यूनुस अलवी
मेवात : सरकार ने मेवात जिले के सबसे बड़ा गांव सिंगार में प्राईमरी हेल्थ सेंटर तो बना दिया लेकिन यहां के लोगों को चिक्तिसा सुविधा देने के लिए डाक्टरों का कोई इंतजाम नहीं किया है। करीब 30 गावों को कवर करने वाली अस्पताल के मरीजों को केवल एक ही डाक्टर देख रहा है। इसके अलावा अस्पताल में अलट्रा सांउड, ऐक्से मशीन आदि को कोई सुविधा ना होने से लोगों को इस अस्पताल का कोई फायदा नहीं हो रह है। इनता ही नहीं अस्पताल के ठीक सामने गन्दा पानी भरा रहता है, कीचड़ की वजह से मच्छरों की भरमार है जिससे मलेरिया, डेंगू आदि बिमारी फैल का खतरा बना हुआ हैं।
करीब 30 हजार की आबादी वाले गांव सिंगार के लोगो को कहना है कि अस्पताल बनने से उनके गांव और आस-पास गांवों के लोगों को इससे काफी उम्मीद थी लेकिन श्े अस्पताल सरकार और प्रशासन की लापरवाही की वजह से उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका है। जो मरीज अस्पताल आते हैं उनको बिना इलाज के यहां से वापिस लोटना पडता हैं। अस्पताल के सामनेे वाला रास्ता मिट्टी का है बरसात के कारण उसमें पानी भर जाता है जिसके कारण अस्पताल के गेट से 100 मीटर पहले एम्बुलेंस गर्भवति महिलाओं और मरीजों को छोड़ जाती है। जिसकी वजह से मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती हैं। इसकी समस्या के बारे में गांव के सरपंच से कई बार शिकायत की लेकिन कोई फायदा नहीं हो सका।
समाजसेवी एंव गांव सिगार निवासी मुश्ताक का कहना है कि उनकी अस्पताल में डॉक्टर, फार्मेसिस्ट, डेन्टल सर्जन व कर्मचारियों वे डॉक्टरों का पूरा स्टाफ होना चाहिए। ऐक्सरे मशीन, अल्ट्रासाउण्ड मशीन, पीने के पानी सुविधा, चारदीवारी होनी चाहिए। उनका कहना है कि अस्पातल की चारदिवारी ना होने की वजह से कई बार आवारा कुत्ते, भेड-बकरी जैसे जानवर अस्पताल परिषर में घुस जाते हैं। उन्होने बताया कि अस्पातल में सफाई कर्मचारी और मरीजों के बैठने के लिए कुर्सियां तक नहीं हैं। विभाग ने कोई चौकीदार तक नियुक्त नहीं किया है। अस्पातल में गाडिय़ों की पार्किंग के लिए भी कोई सुविधा नहीं हैं। उनका कहना है कि सरकार ने एक बिल्डिंग बनाकर खडा कर दी है जिसे अस्पताल का नाम दे दिया है लेकिन सुविधाओं के नाम पर इस प्राईमरी हेल्थ सेंटर (पीएचसी)में कुछ भी नहीं हैं।