मेहनत की बदौलत बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर चुने गए
शिक्षण के क्षेत्र में जाना था जीवन का लक्ष्य
वाराणसी : ठीक ही कहा गया है कि “लाख बाधाएं भी किसी की लगन, हौसले और जुनून को रोक नहीं सकतीं”. अगर कुछ करने की दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो आपको अपनी मंजिल तक पहुंचने से कोई चाह कर भी नहीं रोक सकता । मधुपुर से सटे गांव सुगगपहाडी के रहने वाले राकेश रंजन ने इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है.
राकेश ने अपनी पढ़ाई गांव के स्कूल से शुरू की और अपनी कड़ी मेहनत की बदौलत आज बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर चुने गए । डॉ राकेश रंजन ने अपनी उच्च शिक्षा भी बी एच यू से ग्रहण की । बी एच यू से ही उन्होंने स्नातक, पोस्ट ग्रेजुएट तथा नेट परीक्षा उत्तीर्ण की और इसी विषय में पीएचडी भी हासिल की । इस दौरान उन्होंने कई प्रतियोगिता परीक्षाएं भी पास की लेकिन उन्होंने शिक्षण के क्षेत्र में अपनी सेवाएं देने का निर्णय लिया और अपने ज्ञान से दूसरों को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाने का अनुकरणीय रास्ता चुना ।
डॉ राकेश के पिता उमेश प्रसाद राय केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं तथा मां गृहणी है । छोटा बेटा डीवीसी में बतौर कार्यपालक अभियंता कार्यरत हैं । एक मध्यम वर्ग के परिवार से निकलकर डॉ राकेश रंजन ने अपनी कड़ी मेहनत के बदौलत न सिर्फ अपने लक्ष्य को हासिल किया बल्कि अपने परिवार, अपने गांव और अपने समाज का नाम भी रौशन किया.