नई दिल्लीः चुनाव आयोग ने उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार लोकसभा और विधानसभा के प्रत्येक चुनाव में वीवीपेट युक्त ईवीएम से मतदान सुनिश्चित करने के लिये सभी राज्य आयोगों से मुकम्मल इंतजाम करने को कहा है. आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को भेजे गये परिपत्र में प्रत्येक मतदान केन्द्र पर वीवीपेट युक्त ईवीएम लगाने का काम चरणबद्ध तरीके से पूरा करने को कहा है. अदालत के आदेश के अनुपालन में आयोग के लिये लोकसभा की सात रिक्त सीटों पर उपचुनाव और इस साल के अंत में गुजरात एवं हिमाचल प्रदेश में संभावित विधानसभा चुनाव को देखते हुये प्रत्येक वोटिंग मशीन को वीवीपेट से लैस करने की अनिवार्य बाध्यता है. इनमें से पंजाब की गुरदासपुर सीट पर 11 अक्तूबर को उपचुनाव निर्धारित है.
इसके बाद अगले साल राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं. इसके मद्देनजर आयोग ने देश भर में प्रत्येक मतदान केन्द्र पर वीवीपेट युक्त ईवीएम लगाने के काम को विलंब से बचाने की ताकीद करते हुये राज्य आयोगों से तत्परता दिखाने को कहा है. चुनाव आयोग में अवर सचिव मधुसूदन गुप्ता ने सभी राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को संबद्ध राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव पूरी तरह से वीवीपेट युक्त ईवीएम से कराने का निर्देश दिया है.
आयोग ने आम चुनाव के अलावा उपचुनाव के लिये भी वीवीपेट की व्यवस्था करने को कहा है. आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस काम में देरी होने का सीधा असर लोकसभा की शेष छह रिक्त सीटों के उपचुनाव पर पड़ेगा. इनमें से दो दो सीटें राजस्थान और उत्तर प्रदेश में और एक एक सीट बिहार एवं पश्चिम बंगाल में रिक्त है.
पत्र में आयोग ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने आठ अक्तूबर 2013 को वीवीपेट युक्त ईवीएम से मतदान कराने की आयोग को अनुमति दी थी. इसके बाद ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतों के मद्देनजर इस साल 12 मई को सभी राजनीतिक दलों के साथ विचार विमर्श के बाद आयोग ने पूरे देश में प्रत्येक चुनाव वीवीपेट युक्त ईवीएम से कराने का फैसला किया है. इस बीच साल 2013 के बाद से प्रायोगिक तौर पर आयोग लोक सभा और विधानसभा चुनावों में कुछ चुनिंदा सीटों पर वीवीपेट का इस्तेमाल किया जा रहा है. राज्य आयोगों से अब इस व्यवस्था को देशव्यापी स्तर पर तत्परता से लागू करने के लिये कहा गया है.