झूलन दर्शन, मंत्र ध्यान, 108 कलश अभिषेक का आयोजन भी किया जाएगा
108 आरती प्रतियोगिता व प्रश्नोत्तरी मुख्य आकर्षण
गुरुग्राम : पिछले दो वर्षों की भांति इस वर्ष भी जन्माष्टमी महोत्सव सोहना मार्ग, बादशाहपुर स्थित इस्कॅान गुरूग्राम मन्दिर में प्रातः 4.30 बजे से आरम्भ होकर आधी रात महाआरती तक मनाया जायेगा।पिछले दो वर्षों की भांति इस वर्ष भी जन्माष्टमी महोत्सव सोहना मार्ग, बादशाहपुर स्थित इस्कॅान गुरूग्राम मन्दिर में प्रातः 4.30 बजे से आरम्भ होकर आधी रात महाआरती तक मनाया जायेगा। आगन्तुकों के मनोरंजन व ज्ञानवर्धन हेतु विभिन्न प्रकार के आध्यात्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा । वेदी को विभिन्न रंगों के फूलों से सुसज्जित किया जाएगा और भक्तगण बड़ी आतुरता से भगवान के दर्शन को लालायित रहेंगे । झूलन दर्शन, मंत्र ध्यान, 108 कलश अभिषेक, 108 आरती प्रतियोगिताओं, प्रश्नोत्तरी तथा पुस्तक वितरण के साथ-साथ निरंतर मधुर संर्कीतन का आयोजन भी किया जाएगा ।
कार्यक्रम के अन्य मुख्य आकर्षण में बैंड र्कीतन, सुन्दर मनोहारी झांकियाँ, महा-अभिषेक तथा मध्यरात्री में महाआरती का आयोजन शामिल हैं. लगभग एक लाख लोगों द्वारा इस अवसर पर पवित्र प्रसाद ग्रहण किये जाने की आशा जन्माष्टमी के अवसर पर भक्तजन मध्य रात्री तक व्रत करते हैं तथा तत्पश्चात एकादशी प्रसाद ग्रहण करते हैं । इस्कॅान गुरूग्राम मन्दिर प्रबंधन की ओर से इस दिव्य आयोजन में भाग लेने की अपील की गयी है . इस अवसर पर श्री श्री राधाकृष्ण के साथ-साथ भगवान जगन्नाथ, बलदेव जी तथा सुभद्रा मैया के दर्शन कर उनसे आर्शीवाद प्राप्त करने का मौक़ा मिलेगा.
15 अगस्त को जन्माष्टमी के मुख्य महोत्सव से पहले 12, 13 तथा 14 अगस्त को भी भगवान की लीलाओं पर आधारित कृष्ण कथा तथा कीर्तन का आयोजन प्रतिदिन सायं 6.30 बजे से 9.00 तक किया जायेगा जिसके पश्चात् प्रसादम भण्डारा होगा । प्रबंधन की ओर से कहा गया है कि स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने भगवद गीता में विशेष रूप से घोषित किया है कि साधुजनों को दुष्टों व आसुरी लोगों के आतंक से बचाने के लिए, धर्म को उसके वास्तविक पवित्र स्वरूप में स्थापित करने के लिए तथा अपने भक्तों को आनन्द देने के लिए वे इस धरा पर अवतरित होते हैं। इसी वचनबद्धता के अंतर्गत भगवान श्रीकृष्ण लगभग 5000 वर्ष पूर्व भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में वसुदेव तथा देवकी के पुत्र के रूप में इस धरती पर प्रकट हुए ।
भगवान श्रीकृष्ण के इस दिव्य तथा आनन्ददायक प्राकट्य को ही प्रतिवर्ष जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है । इस्कॅान गुरूग्राम भक्त समूह का भी एक गौरवशाली इतिहास है । लगभग 17 साल पहले एक छोटे से समूह से आरम्भ होकर इस्कॅान गुरूग्राम ने बहुत उन्नति की है तथा वह एक नगण्य प्रचार केन्द्र से बढ़कर बादशाहपुर में एक सम्पूर्ण मन्दिर के रूप में परिवर्तित हो गया है। इसके सामुदायिक कार्यकलापों में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा, नैतिक शिक्षा कार्यक्रम, मंत्र ध्यान, कर्मबंधन रहित शुद्ध शाकाहारी भोजन पकाना, इस्कॅान के विशेष कार्यक्रम के अन्तर्गत गरीब व बेघर लोगों को निःशुल्क प्रसाद का वितरण, वैदिक ग्रंन्थों का वितरण, कीर्तन उत्सव, गलियों में हरिनाम संकीर्तन तथा शनिवार एंव रविवार को प्रातः तथा सांय के कथा एवं प्रीतिभोज कार्यक्रम सम्मिलित हैं ।