नई दिल्ली : दो दिन पूर्व बिहार में नई सरकार का गठन करने वाले नीतीश कुमार से भाजपा के ही दो सहयोगी नाराज हो गए हैं. मीडिया में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि आरएलएसपी चीफ उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी के विधायक सुधांशू शेखर को मंत्रिमंडल में जगह न देने से नाराज हैं जबकि जीतन राम मांझी अपने बेटे को मंत्रीमंडल में जगह नहीं मिलने के कारन विफर गए हैं.
बताया जाता है कि मांझी एलजेपी चीफ राम विलास पासवान के भाई पुष्मापति कुमार पारस की ओर इशारा कर रहे हैं जो कि विधान परिषद और विधानसभा दोनों में से किसी के भी सदस्य नहीं रहने के बावजूद उन्हें मंत्री बनाया गया है. सूत्रों के मुताबिक कुशवाहा अपनी पार्टी से दो मंत्री चाहते थे लेकिन भाजपा ने कहा कि एलजेपी और आरएलएसपी दोनों का सिर्फ एक ही विधायक मंत्री बन सकता है.
वहीं दूसरी तरफ बेटे को मंत्री पद न दिए जाने से नाराज मांझी भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से बातचीत करने के लिए दिल्ली आ गए हैं. सूत्रों के मुताबिक कहा जा रहा है कि बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन के नाम पर बीजेपी ने साफ मना कर दिया क्योंकि इसके लिए सुमन को एमएलसी बनाना पड़ता. सूत्रों का कहना है कि कुछ समय के बाद मांझी को किसी राज्य का गर्वनर बनाया जा सकता है.
मीडिया की खबरों के मुताबिक कुशवाहा सुधांशु शेखर का नाम आगे किया था लेकिन नीतीश आरएलएसपी के एमएलसी संजीव श्याम सिंह को मंत्री बनाने में दिलचस्पी दिखा रहे थे. हालांकि कुशवाहा ने अभी तक अपनी नाराजगी खुलकर नहीं जाहिर की है लेकिन माना जा रहा है कि वो नीतीश के एनडीए में आने को लेकर सहज नहीं हैं.