प्रणब मुखर्जी ने अपने विदाई समारोह में क्या कहा ?

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नई दिल्ली :  राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए रविवार को संसद में भव्य विदाई समारोह का आयोजन किया गया. संसद के केन्द्रीय कक्ष में विदाई आयोजित इस ख़ास समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और दोनों सदनों के सांसद शामिल हुए. परम्परागत रूप से राष्ट्रपति के कार्यकाल की समाप्ति पर इसका आयोजन किया जाता है. प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल का 24 जुलाई तक है और निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार नव निर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 25 जुलाई को शपथ लेंगे.

 

इस ख़ास मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उनके राजनीतिक सफ़र को रेख्नाकित करने के लिए लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन व और उपराष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी का धन्यवाद किया. उन्होंने अपने भाषण में बताया कि मैं 34 साल की उम्र में पहली बार सांसद के रूप 22 जुलाई 1969 को राज्यसभा पहुंचा.

 

उन्होंने अपने संसदीय कार्यकाल में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, बीजेपी के वरिष्ठ सांसद लालकृष्ण आडवाणी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ भी कम करने को अच्छा अनुभव बताया. उन्होंने पूर्व प्रधान मंत्री स्व. इंदिरा गांधी को भी याद किया. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ सदस्यों के भाषणों से उन्होंने हमेशा सीखा . उन्होंने बताया कि संसद में रहते हुए उनकी राजनीतिक दृष्टि को सही दिशा मिली. प्रणब मुखर्जी ने चेताया कि देश की एकता संविधान का आधार है और याद दिलाया कि पहले संसद में महत्वपूर्ण विषयों पर गंभीर चर्चा होती थी.

 

अपने विदाई भाषण में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि संसद ने मेरी राजनीतिक सोच को आकार दिया है. मैंने अपने जीवन में बहुत कुछ सीखा है. मेरे करियर को इंदिरा गांधी ने दिशा दी. मुझे इस लोकतंत्र के मंदिर ने तैयार किया है. देश की एकता संविधान का आधार है.

 

राष्ट्रपति ने कहा कि जीएसटी पास होना परिपक्व लोकतंत्र की निशानी है. संसद में बिना बहस के पास हुआ बिल जनता के साथ धोखा है. संसद में व्यवधान सरकार के ज्यादा विपक्ष के लिए नुकसानदायक है. भारत में अलग-अलग धर्मों के लोग संविधान की छत्रछाया में रहते हैं. वरिष्ठ सदस्यों के भाषणों से मैंने सीख ली. शानदार कार्यक्रम के लिए उन्होंने सभी को शुक्रिया कहा.

     

राष्ट्रपति के लिए आयोजित विदाई समारोह में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विदाई भाषण में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के राजनीतिक सफ़र का उल्लेख किया. उनकी राजनीतिक एवं प्रशासनिक उपलब्धियों को भी रेख्नाकित किया. उन्होंने कहा कि श्री मुखर्जी ने भारतीय राजनीति के हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी. सुमित्रा महाजन ने राष्ट्रपति को अपनी विदाई भाषण की प्रति भी भेंट की.

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने प्रणब मुखर्जी के संसदीय योगदान को याद किया.

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