भविष्य पुराण में वर्णन मिलता है कि पीपल के तीन पेड़ लगाने से सद्गति मिलती है…. इसके साथ ही लिखा है कि
#कदंब लगाने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है,
#अशोक लगाने से शोक का नाश होता है,
#जामून से धन की प्राप्ति होती है,
#बेल-बिल्वपत्र से लंबी आयु मिलती है,
#तेंदू से कुल की वृद्धि होती है, #अनार से विवाह के योग बनते हैं,
#सुपारी से सिद्धि की प्राप्ति होती है, #शमी से भयंकर रोगों से छुटकारा मिलता है,
#शीशम लगाने से लोक-परलोक दोनों सुधरते हैं और #केशर वृक्ष लगाने से शत्रुओं का नाश होना बताया गया है।
कुल मिलाकर, पेड़ सृष्टि का आधार हैं…..इनका पौराणिक ही नहीं वैज्ञानिक महत्व भी है…..इनके द्वारा उत्सर्जित ऑक्सीजन और कार्बनडाइक्साईड गैस के अवशोषण के गुण मानव जीवन के लिए अमोघ वरदान है….. पेड़-पौधे धार्मिक कार्यकलापों के साथ-साथ यह स्वास्थ्य एवं रोजगार के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभाते हैं….. प्राकृतिक सन्तुलन में पेड़ मुख्य भूमिका निभाते हैं….. प्राकृतिक आपदाएं, प्रकृति के असन्तुलन से ही बढ़ी हैं…..यदि इन पर अंकुश लगाना है तो पौधारोपण पर अधिक से अधिक जोर देना होगा…. पौधारोपण करने के उपरांत उनकीं सुरक्षा करना बेहद जरूरी हो जाता है…..
प्रतिवर्ष लाखों पेड़ लगाए जाते हैं, लेकिन सुरक्षा एवं देखभाल के अभाव में वे जल्द ही दम तोड़ जाते हैं…..इससे कोई लाभ नहीं होने वाला है….. हमें यह निश्चय करना होगा कि जहां से एक पेड़ कटे, वहों कम से कम दस पेड़ लगाने चाहिए…. यदि हम हर पर्व, जन्मदिन अथवा अन्य खुशी के पावन अवसरों पर पौधारोपण करने व पौधे उपहार स्वरूप देने की परंपरा शुरू करने का निश्चय करें तो नि:सन्देह अल्प समय में ही धरा वृक्षों से हरीभरी हो जायेगी और चहुंओर सुख, समृद्धि एवं शांति की अनहद बयार बहती नजर आयेगी। प्राकृतिक आपदाओं से मुक्ति तो मिलेगी ही, साथ ही अपार पुण्य एवं मानसिक शांति की भी प्राप्ति होगी