पिछली सरकारों ने रोजा इफ्तार पार्टी को एक फैशन बना कर छोड दिया था: खुरशीद

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यूनुस अलवी

मेवात: दावत-ए-इफ्तार पार्टी से आपसी भाईचारा पढता है। रोजा रखने से इंसान को भूख का अहसास होता है। पिछली सरकारों ने रोजा इफ्तार पार्टी को एक फैसन बना कर छोड दिया था। आज लोग अपने घरों पर बडे नेताओं को छोडकर लोग इफ्तार पार्टी दे रहे हैं। ये ही इफ्तार मेवात की एकता और भाई चारा का संदेश देती है। उपरोक्त विचार मेवात  विकास अभिकरण के चेयरमैन एंव आरएसएस नेता खुरशीद राजाका ने गांव साकरस में आयोजित इफ्तार पार्टी के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुऐ व्यक्त की।
 
  खुरशीद राजाका का कहना है कि अब से पहले कांग्रेस और इनेलो पार्टी बडे-बडे प्रोग्राम कर अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं को इफ्तार पार्टी देकर राजनीति करती थी। उन इफ्तार पार्टियों से आम गरीब आदमी दूर होता था। उन्होने कहा कि अब समय बदल गया है। इनेलो और कांग्रेस के बहकावे से मेवात की जनता निकल चुकी है। अब लोग आपसी भाईचारा को बढाने के लिये राजनेताओं को छोडकर अपने आसपास के लोगों को दावत-ए-इफ्तार पार्टी दे रहे हैं।
 
  उन्होने कहा कि भाजपा का डर दिखाकर कांग्रेस और इनेलो ने मेवात की जनता को खूब दूर रखा है लेकिन अब जनता उनके बहकावे को समझ चुकी है। मुस्लिम भारी संख्या में भाजपा के साथ जुड रहे हैं। उन्होने कहा भाजपा सबका साथ, सबका विकास नारे के साथ मेवात में काम कर रही है। लोगों के दिलों से भाजपा का डर निकल चुका है। मेवात की जनता अब समझ चुकी है कि भाजपा ही मेवात का भला और विकास कर सकती है। वर्णा पहले सरकारों ने केवल तुष्टिकरण की राजनीति की है।

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