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यूनुस अलवी
पुन्हाना: शादी मेें दहेज ना देने और बारात कम लाने जैसे मामलों को लेकर गत 5 मार्च को पुन्हाना में कि गई महापंचायत का कुछ असर देखने का मिल रहा है। भले ही इस पर पूरी पाबंदी नहीं लग पा रही है लेकिन पंचायत से जुडे लोगों ने अभी हिम्मत नहीं हारी है। वे लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
नसरू मेनेजर, एडवोकेट अख्तर हुसैन, मास्टर रुजदार, हाजी अब्दुल रशीद, हाजी इब्राहिम ने बताया कि महापंचायत का असर अब कई गावो में दीख रहा हैं। उन्होने बताया कि शरीयत के मुताबिक शादियां 19 मार्च को जमालगढ़ में, दो अप्रैल को एक शादी हथनगांव में महापंचायत में लिए गए फैसले के मुताबिक होंगी वहीं कई गावो में डीजे और आतिशबाजी पर पूरी रोक लग चुकी हैं। लोग मांढे की जगह वलीमा कर रहे हैं। अब तक पुन्हाना ब्लॉक में कई गांवों में दहेज़ को रोकने के लिए समिति गठित हो चुकी हैं। 24 मार्च को पुन्हाना की तर्ज पर गोविन्दगढ़ राजस्थान में भी दहेज़ को रोकने के लिए महापंचायत होने जा रही हैं। अब भी कुछ नेता दहेज़ लेन देन वाली शादियों में बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे हैं जिस से आम जनता में भारी नाराजगी भी देखने को मिल रही हैं। उनका कहना है कि ऐसे नेताओ को अगले चुनाव में सबक सीखने के बारे में भी सोचा जा सकता है। पंचायत के फैसले को पूरी तरह लागू कराने के लिए शनिवार को पंचायत के प्रमुख लोगों कि पुन्हाना में एक बेठक हुई। जिसमें मुख्यरूप से नसरू मेनेजर, एडवोकेट अख्तर हुसैन, मास्टर रुजदार, हाजी अब्दुल रशीद, हाजी इब्राहिम, अब्दुल रहमान, जाकिर, मुबारिक सिंगार, हारुन पेमाखेड़ा मौजूद थे।