नई दिल्ली। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) ने आज नई दिल्ली में ऐतिहासिक कर्तव्य पथ पर शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘दिव्य कला शक्ति’ का आयोजन किया। इस आयोजन ने राष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांगजनों की असाधारण प्रतिभा एवं सांस्कृतिक योगदान को प्रदर्शित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य किया।
इस कार्यक्रम के साथ 12 से 22 दिसंबर तक आयोजित ‘दिव्य कला मेला’ का भी समापन हुआ, जिसमें 3.5 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिक्री की गई। उत्कृष्ट स्टालों और दिव्यांग उद्यमियों को उनकी अनुकरणीय शिल्प कौशल एवं उद्यमशीलता के लिए पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में श्री राजेश अग्रवाल, सचिव, डीईपीडब्ल्यूडी और श्रीमती ऋचा शंकर, उप महानिदेशक के साथ-साथ विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।
इस अवसर पर अपने संबोधन मेंश्री राजेश अग्रवाल ने कलाकारों की सराहना की और कहा कि“उद्यमिता सहित सभी क्षेत्रों में दिव्यांगजन मील का पत्थर कर रहे हैं। सरकार दिव्यांगजनों के आर्थिक, सामाजिक एवं शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्धहै।”
कार्यक्रम के दौरान, राष्ट्रीय दिव्यांगजन वित्त एवं विकास निगम (एनडीएफडीसी) ने अपना नया मोबाइल ऐप भी जारी किया, जो दिव्यांग उद्यमियों एवं व्यक्तियों लिए ऋण तक निर्बाध पहुंच प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रतिभावानों का मंत्रमुग्ध कर देने वाला प्रदर्शन
इस 11 दिवसीय उत्सव के दौरान, पूरेदेश के दिव्यांग कलाकारों ने नृत्य, संगीत, चित्रकला और नाटकीय प्रस्तुतियों सहित विभिन्न कलात्मक प्रस्तुतियों के साथ दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उपस्थित दर्शकों एवं गणमान्य लोगों ने इन कलाकारों के उल्लेखनीय प्रयासों एवं अद्वितीय प्रतिभा की सराहना की।
‘दिव्य कला मेला’ और ‘दिव्य कला शक्ति’ कार्यक्रमों ने न केवल दिव्यांगजनों की क्षमताओं का प्रदर्शन किया, बल्कि ज्यादा संवेदनशील एवं समावेशी समाज की आवश्यकता पर भी बल दिया।प्रतिभा, सशक्तिकरण एवं नवाचार से भरपूर यह उत्सव एक अमिट छाप छोड़ता है, जो व्यक्तियों और समुदायों दोनों को विविधता एवं समावेशिता अपनाने के लिए प्रेरित करता है।