सीआईएसएफ को मिला सीएपीएफ वार्षिक एनएचआरसी वाद-विवाद प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ टीम का खिताब

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नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की कार्यवाहक अध्यक्ष, श्रीमती विजया भारती सयानी ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की सराहना करते हुए कहा कि वे प्राकृतिक आपदाओं में सबसे पहले काम आने वालों में से हैं, जो सहायता प्रदान करते हैं, नागरिकों को बचाते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि आपात स्थितियों के दौरान भोजन, आश्रय और चिकित्सा देखभाल जैसी बुनियादी मानवाधिकारों तक पहुंच प्रदान की जाए। प्राकृतिक आपदाओं में बचाव कार्यों में उनकी भागीदारी मानवता की सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

वह नई दिल्ली में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के सहयोग से आयोजित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के लिए 29वीं वार्षिक एनएचआरसी वाद-विवाद प्रतियोगिता के अंतिम दौर में मुख्य अतिथि के रूप में सभा को संबोधित कर रही थीं। विषय था ‘हिरासत में मौत किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है’। वाद-विवाद  के विजेताओं और सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए, उन्होंने कहा कि युवा अधिकारियों की भागीदारी ने मानवाधिकारों की अवधारणा की उनकी गहन समझ को प्रदर्शित किया है।

श्रीमती विजया भारती सयानी ने कहा कि सीएपीएफ बहुत विपरीत परिस्थितियों में काम करती हैं, अधिक बल प्रयोग किए बिना शांति बनाए रखते हैं। शक्ति का कोई भी दुरुपयोग बलों के खिलाफ आरोपों को जन्म दे सकता है। इसलिए, चुनौतियों के बावजूद, संयम और मानवाधिकारों का पालन आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि हिरासत में मौत कभी भी स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि यह मानवाधिकारों और राष्ट्र के कानूनी सिद्धांतों का गंभीर उल्लंघन है।

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने वाद-विवाद प्रतियोगिता के अंतिम दौर में सभी के बीच सर्वश्रेष्ठ टीम की रोलिंग ट्रॉफी जीती, जिसमें 16 प्रतिभागियों ने हिंदी और अंग्रेजी में प्रस्ताव के पक्ष और विपक्ष में बहस की। व्यक्तिगत सम्मानों में, हिंदी में वाद-विवाद का पहला पुरस्कार आईटीबीपी की कांस्टेबल टीना सांगवान को और अंग्रेजी में असम राइफल्स की कांस्टेबल रोसेला संगतम को मिला। हिंदी में दूसरा पुरस्कार सीआईएसएफ के उप निरीक्षक राहुल कुमार को और अंग्रेजी में सीआईएसएफ के सहायक कमांडेंट अक्षय बडोला को मिला। हिंदी में तीसरा पुरस्कार सीआईएसएफ के सहायक कमांडेंट कान्हा जोशी को और अंग्रेजी में यह सीआईएसएफ के सहायक कमांडेंट भास्कर चौधरी को मिला। प्रमाण पत्र और एक स्मृति चिह्न के अलावा, प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार विजेताओं को क्रमशः 12,000/-, 10,000/- और 8,000/- रुपये का नकद पुरस्कार भी दिया गया।

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